मध्यप्रदेश
शिवपुरी बरिष्ठ पत्रकार राज्यवर्धन सिंह गौर की बिटिया रानी की लिखी कविता ने किया सब को मोहित।
*सीखने और सिखाने के गुरुकुल हैं पापा,* *पापा ही मेरी आजादी की हैं परिभाषा,* *मेरे संघर्ष की हिम्मत ही हैं पापा,* *पापा की बेटी बनने का सफर पापा की ही हैअभिलाषा* *राशि सिंह गौर*
