महिला के पांव में बांध दिया था गत्ता, उसके पैर नहीं, कुल्हे में है फ्रैक्चर

नीमच: जिला चिकित्सालय में उपचार में होने वाली लापरवाही थमने का नाम नहीं ले रही है। हालात यह है कि बगैर जांच पड़ताल के उपचार कर दिया जाता है। ऐसा ही मामला सोमवार को बस दुर्घटना में घायल हुए यात्रियों के उपचार के दौरान देखने को मिला था।उपचार के दौरान मौजूद चिकित्सकों ने महिला के पैर में फ्रैक्चर होने पर प्लास्टर चढ़ाने के बजाय, कागज का गत्ता लपेट दिया था, लेकिन जब महिला का एक्सरे हुआ, तो उसे पैर नहीं कुल्हे में फ्रैक्चर निकले हैं।उल्लेखनीय है कि सोमवार को नीमच से मंदसौर जा रही मीनाक्षी बस फोरलेन पर चलदु के समीप आगे चल रहे ट्रक में घुस गई थी। हादसे में करीब 7 यात्रियों को चोट आई थी, जिसमें 5 यात्री ग्राम सोनियाना निवासी थे। बताया जा रहा है कि हादसे में गुइडीबाई नाम की यात्री के पैर में फ्रैक्चर होने की बात सामने आई थी,एक्सरे में आया पैर नहीं कूल्हे की हड्डियों में है फ्रैक्चरजिस पर जिला चिकित्सालय में प्राथमिक उपचार के दौरान जिला चिकित्सालय में ऑर्थोपेडिक चिकित्सक नहीं होने पर मौजूद चिकित्सक और चिकित्साकर्मियों ने महिला के पैर में कार्टून का गत्ता बांध दिया था, लेकिन महिला के परिजनों ने जब महिला का एक्सरे कराया, तो उसके पैर के बजाय कुल्हे की हड्डियों में तीन फ्रैक्चर पाए गए।मामले में जिला चिकित्सालय में व्याप्त अव्यवस्थाओं के खिलाफ आवाज उठाने वाले कांग्रेस नेता और जिला पंचायत सदस्य तरूण बाहेती ने बताया कि इससे पता चलता है कि जिला अस्पताल में किस तरह का इलाज हो रहा है।उन्होंने आरोप लगाया कि जिला चिकित्सालय में हालात यह है कि इतना बड़ा ट्रामा सेंटर बनने के बाद भी चिकित्सकों के अभाव में उचित उपचार नहीं मिल पा रहा है। ऑर्थोंपेडिक चिकित्सक के अभाव में रोगियों के लिए एक मात्र विकल्प निजी चिकित्सालय है या फिर नीमच से रैफर हो जाओ, लेकिन निर्वाचित जनप्रतिनिधि चिकित्सकों की पूर्ति नहीं कर पा रहे हैं।