मध्यप्रदेश
महात्मा गांधी के देश में सत्ता पाने के लिए नफरत और हिंसा के साथ-साथ छल की राजनीति भी
( दिनेश सिंह सिकरवार ) , लंबे समय से सत्ता पाने के लिए नफरत और हिंसा के साथ-साथ देश में छल-कपट की राजनीति शुरू हो गई है, किसी और पर विश्वास है तो हम भी विचार कर सकते हैं। दोस्तों वोटों की "सस्ती राजनीति" ने देश में अहम जगह बना ली है। नौकरशाही एक पूरा शौक बन गया है। नौकरशाह एक लोक सेवक के बजाय एक तानाशाह के रूप में काम कर रहे हैं। देश और देश के नागरिकों के भविष्य की किसी को चिंता नहीं है। देश में स्थिति विस्फोटक हो गई है। भाईचारा और शांति गंभीर रूप से प्रभावित हुई है। देश में हिंसा, अराजकता, भ्रष्टाचार की जड़ें गहरी हो गई हैं। इस अनैतिक गठबंधन में भ्रष्ट, चालाक नौकरशाही का बड़ा योगदान रहा है। पिछले सात दशकों से भ्रष्टाचारियों ने देश का खजाना लूटा है। देश के सुप्रीम कोर्ट के फैसलों के बावजूद भी भ्रष्टाचारियों से अरबों रुपये की वसूली नहीं हो पाई है. शायद दुनिया को भ्रष्ट व्यवस्था का इससे बड़ा और अनोखा उदाहरण नहीं मिलेगा। अब लोगों का देश की न्याय व्यवस्था पर से विश्वास उठ रहा है। और इसीलिए जनता अब भ्रष्टाचार की गंगा में बह रहे इन राजनेताओं और नौकरशाहों को "चट्टा बट्टा की एक थाली" कहने लगी है। यह देश की जनता का दुर्भाग्य है। कि जब देश के जिम्मेदार संवैधानिक पदों पर आसीन लोग संविधान की शपथ लें। लेकिन इसे लागू न करके वे भ्रष्ट "सत्यदेव जयते" और भारतीयों के दुर्भाग्य को कलंकित कर रहे हैं कि वे धार्मिक ग्रंथों की सीमाओं को तोड़ने से नहीं हिचकिचाते। जय हिन्द एडवो। दिनेश सिंह सिकरवार
