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मध्यप्रदेश

एक ग्राम की ड्रग्स को ऐसे बना देते हैं 20 ग्राम, 10 से ज्यादा पैडलर्स की तलाश

इंदौर: संयोगितागंज पुलिस ने प्रतापगढ़ (राजस्थान) के जिस तस्कर को पुलिस ने पकड़ा है उसने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। उसने बताया कि ड्रग पैडलर्स की उसकी गैंग में इंजीनियर, तांत्रिक भी शामिल हैं। उसने 10 से ज्यादा ऐसे पैडलर्स के नाम बताए हैं जो आसपास के शहरों में ड्रग सप्लाय करते हैं। पुलिस के मुताबिक यह गैंग नशे की टैबलेट से 1 ग्राम ब्राउन शुगर को 20 ग्राम के बराबर बना देते थे। इस गैंग को पकड़ने के लिए पुलिस को दो बार मेहनत के बाद बड़ी सफलता मिल पाई है।पुलिस के सामने तस्कर ने चौंकाने वाले कई खुलासे किए हैं। तस्करी करते पुलिस ने शशांक उर्फ निक्की को पकड़ा था। शशांक पेशे से इंजीनियर है। शशांक अपने दोस्त सुनील पुत्र घासीराम कलम के साथ मिलकर भंवरकुआ, विजयनगर, मूसाखेड़ी और लसूड़िया इलाके में ड्रग्स सप्लाय करता था। शंशाक ने बताया कि वह 1 ग्राम ब्राउन शुगर में अल्फाजोलम और नाइट्रावेट टेबलेट का पावडर मिला देते थे। वे इसका वजन एक ग्राम से बढ़ाकर 20 ग्राम तक कर लेते थे। इसकी 20 पुड़िया बनाकर 1 से 2 हजार रुपए में सप्लाय करते थे।

आदम पिता मुनव्वर लाला निवासी प्रतापगढ़ राजस्थानतांत्रिक से खुला राज, उसने पकड़ाते ही खोली कड़ियांटीआई तहजीब काजी की टीम ने सबसे पहले आसिफ मामा नाम के तांत्रिक को पकड़ा। वह आजाद नगर में सेंट्रल जेल के पास रहता है। इलाके में इसे बाबा नाम से जाना जाता है। आसिफ झाड़ फूंक करने के बहाने लोगों को नशे का आदी बनाता है। उसके यहां नशा करने वाले कम उम्र के लड़के भी बैठते थे।यह सूचना मिलते पुलिस ने सबसे पहले आसिफ को पकड़ा। उसने पूछताछ में शशांक और सुनील का नाम बताया। कहा वे ही माल सप्लाय करते हैं। आसिफ की सूचना पर पुलिस ने शंशाक को उठाया। शशांक ने बताया वह पेशे से इंजीनियर है। उसके इस काम में उसका दोस्त सुनील भी साथ है। दोनों ने मिलकर कई ठिकाने बनाए थे, जहां वे ड्रग्स सप्लाय करते थे।आसिफ उर्फ मामा पिता सिराज खान निवासी आजाद नगर इंदौर।उज्जैन के बाद सीधे लेने लगे डिलिवरीशशांक और सुनील पहले उज्जैन के एक तस्कर से माल खरीदते थे। उन्होंने ये पता लगा लिया कि उज्जैन वाले तस्कर को प्रतापगढ़ का अफजल ड्रग्स सप्लाय करता था। शंशाक ने अफजल की लिंक पता कर ली। शशांक ने जब अफजल से संपर्क किया तो उसने खुद डील न करते हुए अपने भाई का नंबर दे दिया। एक बार डील पक्की होने के बाद शशांक और सुनील बाइक से ही प्रतापगढ़ जाकर ड्रग्स लाते थे।सुनील पिता घासीराम कदम निवासी मूसाखेड़ी इंदौरगलफ्रेंड के छोड़ने पर दोस्त भूरा ने बनाया था ड्रग्स एडिक्टटीआई काजी के मुताबिक शंशाक ने इंजीनियर की पढ़ाई की है। कुछ साल पहले उसकी गलफ्रेंड ने उसे धोखा दिया था। इसके बाद से वह डिप्रेशन में चला गया था। तब उसके दोस्त भूरा ने उसे ड्रग्स की आदत डाली। भूरा ने ही शशांक की मुलाकात सुनील कदम से कराई थी। इसके बाद शशांक इंजीनियरिंग छोड़ तस्कर बन गया।निक्की उर्फ शशांक पिता मनु चौहान निवासी लंबोदी।

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