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मध्य प्रदेश की ग्राम पंचायतों का होगा डिजिटलीकरण, जिला पंचायत CEO को देना होगा प्रजेंटेशन।
भोपाल : मध्य प्रदेश की ग्राम पंचायतों का डिजिटलीकरण किया जाएगा। ई-पंचायतों की स्थापना के लिए सभी बुनियादी व्यवस्थाओं की आपूर्ति अनिवार्य रूप से सुनिश्चित की जाए। सभी पंचायतों में एनआईसी और बीएसएनएल प्रणाली की प्रभावशीलता का आकलन किया जाए, जहां उक्त प्रणाली प्रभावी न हो वहां वैकल्पिक व्यवस्था की कार्यनीति तैयार कर लें।इसी के साथ ही पंचायतों में कंप्यूटर सिस्टम की उपलब्धता का भी आकलन किया जाए। उक्त निर्देश गुरुवार को पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने मंत्रालय में वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से विभाग की साप्ताहिक समीक्षा बैठक में दिए। प्रहलाद पटेल ने प्रदेश के सभी जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारियों से विभिन्न विषयों पर चर्चा कर दिशा-निर्देश दिए कि आगामी समीक्षा बैठकों में सभी जिला पंचायत सीईओ जो भी विशेष प्रयास ग्रामीण विकास के लिए कर रहे हैं, उनका प्रजेंटेशन अनिवार्य रूप से दें। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री सिंचाई योजना सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है। योजना में सुचारु क्रियान्वयन के लिए प्रत्येक जिले को एक प्रभावी माडल तैयार करने का प्रयास करना चाहिए। बैठक में राज्यमंत्री पंचायत एवं ग्रामीण विकास राधा सिंह, अपर मुख्य सचिव मलय श्रीवास्तव, संचालक पंचायत राज मनोज पुष्प, आयुक्त मनरेगा कृष्ण चैतन्य सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे। प्रहलाद पटेल ने कहा कि ग्राम पंचायतों के डिजिटलीकरण का उद्देश्य पंचायतों की कार्य प्रणाली में सुधार लाना और उन्हें अधिक पारदर्शी, जवाबदेह और प्रभावी बनाना है। विगत साप्ताहिक समीक्षा बैठक में मंत्री द्वारा इंदौर जिला पंचायत सीईओ सिद्धार्थ जैन द्वारा जिले की चार ग्राम पंचायतों को शत प्रतिशत डिजीलाकर युक्त बनाने के लिए किए गए कार्यों की प्रशंसा की थी। इसी कड़ी में आगे बढ़ते हुए सभी अधिकारियों को ग्राम पंचायतों के डिजिटलीकरण के लिए प्रयास करने के निर्देश दिए गए थे। प्रहलाद पटेल ने जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत किए गए पौधारोपण और जीर्णोद्धार कार्यों की समीक्षा में कहा कि रोपे गए पौधों की देखभाल की पूरी जिम्मेदारी जिला पंचायत सीईओ की रहेगी।
