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मध्यप्रदेश

सोलर बिजली महंगी होगी, बिना लिए भी लगेगा शुल्क

जबलपुर। प्रदेश में बिजली के साथ अब उपभोक्ता द्वारा अपनी जरूरत के लिए पैदा की जाने वाली सोलर बिजली पर भी शुल्क वसूलने की तैयारी हो रही है। बिजली कंपनी के ताजा प्रस्ताव में कुछ ऐसा ही है। घरेलू उपभोक्ता से लेकर इंडस्ट्री और कालोनी तक में सोलर प्लांट लगाकर बिजली पैदा करने वालों को यह शुल्क देना पड़ सकता है यदि मप्र विद्युत नियामक आयोग मंजूरी दे देता है। आयोग ने मप्र पावर मैनेजमेंट कंपनी के प्रस्ताव पर 9 जनवरी को सुनवाई तय की है।

एक तरफ प्रमोशन,दूसरे तरफ वसूली की तैयारी

बिजली कंपनी केंद्र सरकार के निर्देश पर प्राकृतिक बिजली को बढ़ावा देने के लिए सोलर प्लांट लगवाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है इसके लिए बकायदा सब्सिडी भी जारी की जा रही है। प्रदेशभर में उपभोक्ता सोलर प्लांट लगवाकर सस्ती बिजली का उपयोग कर रहे हैं। बिजली कंपनी ने नेट मीटरिंग के जरिए परम्परागत बिजली के बिल का सोलर से पैदा हुई बिजली के साथ उपभोक्ता के बिल में एडजस्टमेंट करती है।

अभी सोलर बिजली के लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाता है

अभी उपभोक्ता से सोलर बिजली के लिए किसी तरह का शुल्क नहीं लिया जाता है। उपभोक्ता यदि घरेलू बिजली जितने यूनिट खपत करता है वह अपने सोलर प्लांट की बिजली ग्रिड के माध्यम से बिजली कंपनी को बेच देता है। इसमें हर माह बिल में एडजस्टमेंट किया जाता है।

अब ये है तैयारी

मप्र पावर मैनेजमेंट कंपनी ने क्रास सब्सिडी के नाम पर उपभोक्ताओं से वसूली करने का प्रस्ताव दिया है। इंडस्ट्री वाले उपभोक्ता से क्रास सब्सिडी एक रुपये 43 पैसे प्रति यूनिट, अतिरिक्त सरचार्ज एक रुपये 48 पैसे प्रति यूनिट, व्हीलिंग चार्ज एक रुपये 12 पैसे देना पड़ सकता है।

नियत प्रभार लगेगा

बिजली कंपनी ने रूफ टाप सोलर प्लांट जो बहुमंजिला इमारत और आवासीय कालोनी में लगने पर नियत प्रभार लगेगा। यह एक रूपये 87 पैसे प्रति यूनिट प्रस्ताव किया गया है।

तीन किलोवाट प्लांट लगाने 648 का भार

बिजली कंपनी के नियम में यदि तीन किलोवाट का सोलर प्लांट घर लगा है जिससे प्रतिदिन औसत चार यूनिट बिजली पैदा होने के हिसाब से मासिक 360 यूनिट बिजली पैदा होगी। उसमें 60 यूनिट वास्तविक समय पर खपत होने पर 300 यूनिट ग्रिड में दी जाएगी। जिसे कि शाम पांच बजे से सुबह 9 बजे तक वापस लेने पर उसी 300 यूनिट को वापस लेने पर भी 0.1 किलोवाट को 15 यूनिट मानते हुए 28 रुपये नियत प्रभार देना होगा। यानि उपभोक्ता 300 यूनिट पर 560 रुपये कुल फिक्स जार्च देना पड़ सकता है।

सामूहिक उपभोग पर

यदि उपभोक्ता बहुमंजिला इमारत, कालोनी में सामूहिक रूप से बड़ा सोलर प्लांट लगाते हैं तो उन्हें नियत प्रभार के अलावा क्रास सब्सिडी सरचार्ज, अतिरिक्त सरचार्ज व व्हीलिंग जार्च का भुगतान विद्युत वितरण कंपनी को करना पड़ सकता है जो विद्युत लागत के अलावा देय होगा।

9 रुपये प्रति यूनिट लागत

बिजली मामलों के जानकार एडवोकेट राजेंद्र अग्रवाल ने कहा कि सोलर बिजली सामान्य बिजली की तुलना में महंगा करने की तैयारी हो रही है। सरकार सोलर एनर्जी को प्रोत्साहित करने की बजाए हतोउत्साहित कर रही है। मौजूदा प्र्रस्ताव से बिजली की एक यूनिट सोलर उपभोक्ता को 8.90 रुपये प्रति यूनिट लागत आएगी। जबकि विद्युत कंपनियां 6.95 रुपये के औसत दाम पर घरेलू उपभोक्ता को बिजली बेच रही है।

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