ब्रेकिंग
PCC चीफ ने कहा, DGP का आदेश खाकी वर्दी का अपमान सांसद-विधायक को सैल्यूट करेगें पुलिस कर्मी, ये लोकतं... सीएम बोले- पाकिस्तानी नागरिकों को एमपी से जल्द बाहर करें: पुलिस अधिकारियों को अभियान चलाने के निर्दे... मंदसौर में तेज़ रफ़्तार कार कुऐ में गिरी 6 लोगों की मौत केंद्र सरकार का एक और सख्त फैसला, पाकिस्तानी हिंदुओं की चारधाम यात्रा पर रोक कथावाचक पं. प्रदीप मिश्रा ने अमित शाह को बताया शिव अवतार, बयान पर मचा बवाल, कांग्रेस-बीजेपी आमने-साम... केंद्र सरकार का बड़ा ऐलान: पाकिस्तानी हिन्दु , सिखो का वीजा रद्द नहीं होगा नवविवाहिता के साथ रेप कर हत्या, कमरे में निवस्त्र मिली लाश, जेठ पर आरोप कमरे में निवस्त्र मिली लाश,... पहलगाम हमले के बाद अमरनाथ यात्रा पर खतरा मंडराया, सुप्रीम कोर्ट में पीआईएल दाखिल मध्यप्रदेश में एक मई से होगे ट्रांसफर मुख्यमंत्री ने शिक्षण सत्र खत्म होने के बाद बताया तबादलों का क... लखनऊ में भीषण आग, 65 झोपडिय़ां जलीं, रुक-रुककर फटते रहे सिलेंडर, 6 घंटे में काबू पाया
धार्मिक

Basant Panchami 2024 Date: इस साल कब मनाई जाएगी बसंत पंचमी, नोट करें तिथि, मुहूर्त व पूजा विधि

इंदौर। हर साल माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी का त्योहार मनाया जाता है। यह पर्व देवी सरस्वती को समर्पित है। माना जाता है कि इस दिन माता सरस्वती का जन्म हुआ था। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस दिन मां सरस्वती की आराधना करने से देवी लक्ष्मी और मां काली भी प्रसन्न होती हैं।

कब है बसंत पंचमी 2024?

पंचांग के अनुसार, माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 13 फरवरी को दोपहर 02.41 बजे से शुरू होगी। अगले दिन दोपहर 12.09 बजे तक रहेगी। उदया तिथि 14 जनवरी को है। इस लिए बसंत पंचमी का त्योहार 14 फरवरी को मनाया जाएगा।

बसंत पंचमी 2024 पूजा का शुभ मुहूर्त

बसंत पंचमी 2024 पर पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 07.01 बजे से दोपहर 12.35 बजे तक रहेगा। पूजा के लिए 5 घंटे 35 मिनट का समय है।

बसंत पंचमी 2024 पूजा विधि

बसंत पंचमी के दिन सुबह स्नान करने के बाद पीले या सफेद रंग के कपड़े रहनें। फिर सरस्वती पूजा का संकल्प लें। पूजा घर पर देवी सरस्वती की मूर्ति या फोटो स्थापित करें। माता को गंगा जल से स्नान कराएं। इसके बाद पीले पुष्प, अक्षत, सफेद चंदन, धूप, दीप आदि अर्पित करें। इस दिन पीली मिठाई का भोग लगाना चाहिए।

सरस्वती वंदना और मंत्र के साथ पूजा करनी चाहिए। आप चाहें तो सरस्वती कवच का पाठ कर सकते हैं। ओम श्री सरस्वत्यै नमः मंत्र का जाप करते हुए हवन करें। फिर अंत में माता सरस्वती की आरती करनी चाहिए।

डिसक्लेमर

‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’

Related Articles

Back to top button