ब्रेकिंग
10 रुपये का विवाद... गांव पहुंची बस तो कंडक्टर की हो गई धुनाई, तो कंडक्टर की हो गई धुनाई, तो कंडक्टर... संपत्ति विवाद में सगे भाई ने नवविवाहित छोटे भाई की दांतो से कांटी ऊंगली कटकर हुई अलग बचाने आऐ दूसरे ... मुरैना हॉप इलेक्ट्रॉनिक शोरूम में इलेक्ट्रॉनिक स्कूटी में अचानक हुआ विस्फोट फायरबिग्रेड ने बड़ी मशक्... मुरैना के सबलगढ़ में जमीनी विवाद में चले लाठी-डंडे फायरिंग एक गंभीर घायल गुजरात के खेड़ा जिले में नहाने गए छह भाई-बहन, एक-एक कर के लील गई नदी, गर्मी से राहत की जगह मिली मौत उज्जैन स्लीपर बस पलटी गर्भवती महिला सहित 9 घायल केंद्र सरकार कराऐगी जाति जनगणना PCC चीफ ने कहा, DGP का आदेश खाकी वर्दी का अपमान सांसद-विधायक को सैल्यूट करेगें पुलिस कर्मी, ये लोकतं... सीएम बोले- पाकिस्तानी नागरिकों को एमपी से जल्द बाहर करें: पुलिस अधिकारियों को अभियान चलाने के निर्दे... मंदसौर में तेज़ रफ़्तार कार कुऐ में गिरी 6 लोगों की मौत
देश

जुलाई में बन रहा है शनि-मंगल का समसप्तक योग इन राशियों के जातक रहें सावधान

वैदिक ज्योतिष में ग्रहों के गोचर को फल कथन में विशेष महत्व दिया जाता है। ग्रहों के सेनापति मंगल 01 जुलाई 2023 को रात 01 बजकर 52 मिनट पर सिंह राशि में गोचर करेंगे। जुलाई में मंगल का राशि परिवर्तन कई राशियों के लिए परेशानी भरा हो सकता है। दरअसल मंगल को अग्नि का कारक कहा जाता है। इसके अलावा वह सिंह राशि में जा रहे हैं, जो अग्नि तत्व राशि है। सिंह राशि मंगल के लिए अनुकूल मानी जाती है और यहां मंगल शुभ प्रभाव देते हैं। लेकिन इस राशि में मंगल देव, शनि के साथ समसप्तक योग बना रहे हैं। पंडित चंद्रशेखर मलतारे के मुताबिक ये कई राशियों के लिए मुसीबतें लेकर आ सकता है।

क्या होता है समसप्तक योग?

जब भी कोई दो ग्रह एक दूसरे से सातवें स्थान पर होते हैं, तब उन ग्रहों के बीच समसप्तक योग बन जाता है। दूसरे शब्दों में कहें तो जब ग्रह आपस में अपनी सातवीं पूर्ण दृष्टि से एक-दूसरे को देखते हैं तब समसप्तक योग बनता है। जब मंगल सिंह राशि में गोचर करेंगे, तो उस समय शनि कुंभ राशि में होंगे। ये दोनों राशियां एक दूसरे सातवें स्थान में हैं। समसप्तक वैसे तो एक शुभ योग होता है, लेकिन शुभ-अशुभ ग्रहों की युति के कारण इसके फल में भी बदलाव आता है। यहां शनि और मंगल, दोनों को पापी ग्रह माना जाता है। इसके अलावा दोनों की एक-दूसरे पर पूर्ण दृष्टि होगी। मंगल अग्नि तत्व राशि में होने के कारण और ज्यादा उग्र होंगे, वहीं शनि वक्री अवस्था में अपनी स्वराशि में बली अवस्था में हैं। ऐसे में कई राशियों को इसके अशुभ परिणाम देखने को मिल सकते हैं। आइये जानते हैं कि किन राशियों को इस दौरान विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।

मेष राशि

आपकी राशि के पंचम भाव में मंगल का गोचर हो रहा है, जबकि एकादश भाव में शनि हैं। शनि की दृष्टि पड़ने से संतान पक्ष को हानि हो सकती है। इस बात का ध्यान रखें कि आपके बच्चे गुस्से में कोई फैसला ना लें। अन्यथा धन हानि हो सकती है। शेयर बाजार, सट्टा, निवेश आदि से दूर रहें। इस मामले में उतावलापन, उग्रता या जोश बिल्कुल ना दिखाएं। शिक्षा और प्रेम संबंधों के मामले में भी संयम बरतें और बहुत सोच-विचार कर फैसला लें।

कन्या राशि

आपकी राशि के छठे भाव में शनि बैठे हैं और द्वादश भाव में मंगल का गोचर हो रहा है। अगर कुंडली में मंगल की स्थिति अच्छी नहीं है, तो रक्त संबंधी बीमारी हो सकती है। सेहत का विशेष ख्याल रखें, अन्यथा अस्पताल जाने की नौबत आ सकती है। विदेश से जुडे़ मामलों में परेशानी हो सकती है और आयात-निर्यात के कारोबार में अनावश्यक खर्च हो सकता है। कार्यस्थल पर तनाव की संभावना बन सकती है।

मकर राशि

आपकी राशि के अष्टम भाव में मंगल का गोचर हो रहा है। वहीं दूसरे भाव में मौजूद शनि की सीधी दृष्टि पड़ रही है। मंगल से जुड़े भावों की हानि हो सकती है। वाणी की तीव्रता में वृद्धि हो सकती है और इसकी वजह से परिवार में अनबन हो सकती है। किसी विषय के पीछे पड़ने की आवश्यकता नहीं है। ज्यादा खोजबीन या मनन से आपका तनाव बढ़ेगा, लेकिन फायदा नहीं होगा। आध्यात्मिकता में वृद्धि होगी और पूजा-पाठ से विशेष लाभ होगा।

डिसक्लेमर

‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’

Related Articles

Back to top button