एनआइआरएफ रैंकिंग ने खोली छत्तीसगढ़ के उच्च शिक्षण संस्थानों की पोल टाप-150 में नहीं मिली किसी कालेज को जगह

रायपुर। देशभर के शिक्षण संस्थानों को लेकर केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी एनआइआरएफ (नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क) की रैंकिंग ने छत्तीसगढ़ में शिक्षा व्यवस्था की पोल खोलकर रख दी है। प्रदेश के एक भी कालेज व विश्वविद्यालय को टाप-100 की सूची तो दूर 150 तक की सूची में जगह न मिलना दुर्भाग्यजनक माना जा रहा है।
पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर को रैंक बैंड में 151 से 200 की कैटेगरी में शामिल किया गया है। राज्य के इंजीनियरिंग कालेजों का प्रदर्शन भी बेहतर न हीं है।
बता दें कि देश में उच्च शिक्षा की गुणवत्ता को मापने के लिए केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की एनआइआरएफ में संस्थानों में शिक्षा, शोध, फंडिंग व उसके उपयोग, मानव संसाधन व उपयोगिता, संस्थान के बारे में समाज की धारणा समेत अन्य बिंदुओं के आधार पर रैंक जारी करता है।
देश में सर्वश्रेष्ठ स्थान हासिल करना यहां की शिक्षा गुणवत्ता को दर्शााता है, जिससे केंद्रीय स्तर पर संस्थान को योजनाओं के तहत फंड मुहैया कराने समेत कई तरह की सुविधाएं भी मिलती हैं।
लगातार गिर रही एनआइटी की रैंक
इधर, एनआइटी (राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान) रायपुर की रैंक लगातार गिर रही है। यह वर्ष-2022 में 65वें रैंक की तुलना में पांच अंक पिछड़ते हुए 70वें रैंक पर पहुंच चुका है। फार्मेसी संस्थानों की कैटेगरी में गुरुघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर ने देशभर में 43वां रैंक प्राप्त किया है। डेंटल, विधि व कालेज की कैटेगरी में प्रदेश के एक भी संस्थान 100 में भी जगह नहीं बना पाए।
नैक ग्रेडिंग की तैयारी में विश्वविद्यालय
बता दें नैक ग्रेडिंग के तहत पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के पास वर्तमान में कोई ग्रेड नहीं है। अच्छी ग्रेडिंग के लिए नैक टीम आने से पहले विश्वविद्यालय ने अपनी तैयारियों की समीक्षा करानी शुरू कर दी है। लखनऊ विश्वविद्यालय को नैक की तरफ ए प्लस-प्लस ग्रेडिंग मिली है। इन्हें अच्छी ग्रेडिंग किन उपलब्धियों और कामों के कारण मिली है, इस पर जानकारी जुटाई जा रही है।
शासकीय इंजीनियरिंग कालेज रायपुर के प्राचार्य प्रो. एमआर खान ने कहा, शिक्षण संस्थानों के कई बिंदुओं पर एनआइआरएफ रैंकिंग की जाती है। इसमें मानव संसाधन, शोध, इंफ्रास्ट्रक्चर, उपलब्धि आदि शामिल हैं। प्रदेश के संस्थानों को बिंदुवार खामियों को दुरुस्त करने की दिशा में कार्य करना होगा ताकि आने वाले समय में बेहतर रैंक हासिल हो सके।