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शिखर जी तीर्थ बचाओ धर्म बचाओ के लिए विशाल धरना 3 जनवरी को ग्वालियर इंदरगंज जैन मंदिर चोराहे पर होगा।
ग्वालियर- दिगंबर सकल जैन समाज ग्वालियर एवं जैन मिलन ग्वालियर के द्वारा 03 जनवरी को इंदरगंज चौराहे स्थित दिगंबर जैन मंदिर पर प्रातः 10 से साँयकाल 4 बजे तक जैन शाश्वत तीर्थ सम्मेद शिखर को पर्यटन स्थल नहीं पवित्र स्थल घोषित करने के लिए आक्रोश विशाल धरना दिया जाएगा। जैन समाज के प्रवक्ता सचिन जैन ने बताया कि दिगबर सकल जैन समाज ग्वालियर के पुरुष, महिला, युवा, बालिकाए धरने के साथ साथ अपना आक्रोश और अपने विचार शिखर जी को पवित्र तीर्थ घोषित करने के लिए रखेंगे। तीर्थ क्षेत्र शिखर जी हमें जान से प्यारा है, इसके कण कण पर अधिकार हमारा है। धरना में सम्पूर्ण सकल जैन समाज, विभिन जैन संगठन, जैन मंदिरो की समितियां अपने पावन तीर्थ शाश्वत सम्मेद शिखर को बचाने के लिए केंद्र सरकार व झारखंड सरकार के खिलाफ आक्रोश नारे लगाकर संबोधित करेंगे। *इस उद्देश्य के लिए सकल जैन समाज धरना देगे।* जैन मिलन के अध्यक्ष मनोज सेठी ने बताया कि जैन समाज द्वारा दिए जा रहे धरने का उद्देश्य सरकार को जैन समाज के सबसे बड़े तीर्थ झारखंड के सम्मेद शिखर जी से है जहां पिछले कुछ दिनो से शिखर जी की पवित्रता को नष्ट करने के लिए मदिरा दुकानो का खुलना, जुते चप्पल पहिन मंदिर जी प्रांगण में प्रवेश, अभकश खाना पीना, ढेरों अनियमितता, अराजकता का वातावरण निर्मित होना है जिससे पूरे भारतवर्ष की जैन समाज दुखी और आक्रोश से भरी हुई है केंद्र सरकार और झारखंड सरकार से सकल जैन समाज द्वारा ज्ञापन, रेली, मौनजुलूस , कैंडल मार्च, आमरण अनशन आदि तारीके से विनरम निवेदन किया जा रहा है। जैन तीर्थ सम्मेद शिखर जी को पर्यटन स्थल नहीं पवित्र स्थल घोषित करे इसके बाबजुद कोई सरकार पहल ना होने से सकल जैन समाज वयस्तिथऔर दुखी होती जा रही है। तीर्थ बचाओ धर्म बचाओ आंदोलन के तहत प्रथम कड़ी के रूप में ग्वालियर इंदरगंज चौराहे जैन मंन्दिर पर विशाल धरने का आंदोलन किया जा रहा है। *जैन समाज का पवित्र स्थल सम्मेद शिखर, जहाँ से 24 में से 20 तीर्थंकर मोक्ष को गये है* झारखंड राज्य में स्थित शाश्वत तीर्थ सम्मेद शिखरजी यह पूरे विश्व के जैन समाज का पवित्र पावन भूमि सर्वोच्च तीर्थ स्थान है. यहां से 24 में से 20 तीर्थंकर मोक्ष को गये है. ऐसे परम पावन तीर्थ को झारखंड सरकार एवं केंद्र सरकार ने इको सेंसेटीव्ह झोन एवं पर्यटन स्थल की सूची में नामांकित किया है. जिससे आगामी समय में यहां पर रिसोर्ट खुलेंगे, मत्स्यपालन, कुक्कुटपालन का व्यवसाय बढ़ेगा. सैर सपाटे के लिए सैलानी आयेंगे. उससे यहां की पवित्रता और आध्यात्मिक वातावरण भंग हो जायेगा...अतैव यह निर्णय तुंरत रद्द किया जाये। *जैन समाज के अधिकतर लोगों ने नहीं मनाया नववर्ष* सम्मेद शिखर की चिंता को लेकर जैन समाज के अधिकतर लोगों ने नहीं मनाया नववर्ष उत्सव, ना बधाई दी और ना ली अवसर था सबसे बड़े तीर्थ राज सम्मेद शिखर जी को झारखंड और केंद्र सरकार द्वारा पर्यटन स्थल घोषित करने को लेकर पूरे भारतवर्ष की जैन समाज दुःख और क्रोध से भरा हुआ। कह रहा है हमारे जीवन का सबसे दुःखद क्षण हमारे सबसे बड़े तीर्थ की पवित्रता नष्ट किए जाने का, हमारी धर्म की आस्था को कुचलने का प्रयास किया जा रहा है।
