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दतिया आकस्मिक सेवाएं देने में मेडिकल कॉलेज दतिया के चिकित्सक आगे डीन डॉ दिनेश उदेनिया

बुजुर्ग ने सोते समय निगला , खुद के नकली दांत, जान पर बनी मेडिकल कॉलेज दतिया के चिकित्सकों ने बचाई जान* दतिया। जिले के 58 वर्षीय रामहुजूर की जान पर आफत बन पड़ी जब उसने सोते समय अपने नकली दांत , नहीं निकाले और उनके साथ ही सो गया , सोते समय यही नकली दांत मरीज की आहार नली में , निगलने के कारण फस गया। । चूंकि यह नकली दांत का आकार बड़ा था और साथ ही साथ अनियमित सतह के साथ था, इसलिए इसने आहार नली को चोट पहुंचाई और सूजन का कारण बन गया। मरीज को निगलने में दर्द, सांस लेने में परेशानी हुई और वह मेडिकल कॉलेज दतिया के नाक, कान, गला विभाग की ओपीडी मैं आया, तब जांच करने पर पता चला कि यह दांत , आहार नली में फसे हुए हैं जिसको ऑपरेशन द्वारा ही बाहर निकाला जा सकता है। विभागाध्यक्ष प्रोफेसर,डॉ आशीष मौर्य की टीम जिसमें डॉ मनीष सचान और सीनियर डॉ सुरेंद्र भार्गव शामिल थे, ने मरीज को पूर्ण बेहोशी में लेकर , एंडोस्कोपी द्वारा निकाल दिया गया। बेहोशी देने वाले चिकित्सकों में डॉ मंजुलता शाक्य, और डॉ भरत वर्मा शामिल थे। ऑपरेशन के बाद मरीज अब बेहतर है । मरीज के परिजनों ने चिकित्सकों का आभार जताया है। इस मानवीय , एमरजेंसी ऑपरेशन के लिए डीन डॉ दिनेश उदेनिया ने चिकित्सकों को बधाई दी है और कहा की आकस्मिक सेवाएं देने में मेडिकल कॉलेज दतिया के चिकित्सक आगे हैं , और यह सेवाएं और उत्कृष्ट हो यही उम्मीद हैं। उपरोक्त जानकारी मेडिकल कॉलेज के जनसंपर्क अधिकारी,डॉ हेमंत कुमार जैन द्वारा दी गई।

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