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मध्यप्रदेश

प्रशासन का दावा जिले में मिल रहा पर्याप्त खाद, 2 बोरी यूरिया के लिए घंटों लाइन में खड़े किसान

रतलाम: रतलाम में रबी सीजन की शुरुआत के साथ ही खाद की कमी का मुद्दा गरमाया हुआ है। बीते दिनों आलोट के खाद वितरण केंद्र पर यूरिया की बोरियां लुटाने और अन्य केंद्रों पर किसानों की भीड़ लगने के मामले भी जिले में सामने आ चुके हैं । हालांकि प्रदेश सरकार और प्रशासन कांच की पर्याप्त उपलब्धता का दावा जरूर कर रहा है । लेकिन वास्तविकता में कई सहकारी सोसायटीयों में खाद उपलब्ध नहीं होने और सिर्फ खाताधारकों को ही खाद वितरण किए जाने से नगद खाद वितरण केंद्रों पर किसानों की भीड़ लग रही है। अलग-अलग गांव से आए किसान सुबह से खाद लेने के लिए लाइन लगा कर खड़े हैं। घंटों लाइन में लगने के बाद किसानों को 5 बीघा जमीन पर महज 2 बोरी यूरिया खाद मिल पा रहा है। यही नहीं कृषि उपज मंडी स्थित केंद्र पर महिलाओं को भी खाद के लिए लाइन लगा करके धक्के खाना पड़ रहे हैं।खाद लेने 30 से 40 किलोमीटर दूर से पहुंचे किसानों का कहना है कि उनका खाता सहकारी सोसायटी में नहीं है। जिसकी वजह से उन्हें मार्केट से महंगे दामों पर यूरिया खरीदना पड़ रहा है या फिर घंटों लाइन में लगकर सीमित मात्रा में यूरिया खाद लेना पड़ रहा है। खराब वितरण व्यवस्था और सीमित विक्रय पॉइंट बनाने की वजह से किसानों में खाद को लेकर मारामारी बनी हुई है। रतलाम के दिलीप नगर और कृषि उपज मंडी स्थित खाद विक्रय केंद्र पर सुबह 6:00 बजे से ही किसानों की लाइन लगना शुरू हो जाती है। जहां 70 से 80 किसानों को ही दिन भर में खाद का वितरण हो पाता है। दूरस्थ गांव से पहुंचे किसानों को घंटों लाइन में लगने के बाद भी निराश होकर वापस गांव लौटना पड़ रहा है। विक्रय केंद्र पर लाइन में खड़े किसानों की मांग है कि शासन को सोसाइटीयों में ही केश पर खाद विक्रय केंद्र बनाने चाहिए। जिससे किसानों को यूरिया खाद खरीदने के लिए इतनी दूर तक नहीं आना पड़ेगा।

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