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उत्तरप्रदेश

नहीं सुनी जाती पीड़ितों की शिकायत, 1 साल बाद भी दंपति को नहीं मिली ट्राइ साइकिल

हरदोई: हरदोई में डीएम के जनता दर्शन में सुबह 10:19 से लगभग 10:45 तक डीएम हर घर नल से संबंधित बैठक करते रहे। 10:45 के बाद डीएम अपने चैंबर में चले गए। जनता दर्शन में 5 मिनट के बाद लगभग 10:51 तक अतिरिक्त मजिस्ट्रेट अभिषेक सिंह आकर बैठ गए।साथ में बाबू सुनील मुंह में पान भरे वहां आकर बैठे। जनता दर्शन के दौरान किसी भी पीड़ित को साहब के पास जाकर समस्या बताने में रोक है। चपरासी पीड़ित की एप्लिकेशन लेकर उसे पढ़ता और अतिरिक्त मजिस्ट्रेट या फिर बाबू को संबंधित विभाग को आगे भेजने की हिदायत देता।सही से नहीं सुनी गई लोगों की समस्याएंइस दौरान पीड़ित को न तो कुछ कहने का अधिकार न पूछने का अधिकार। इस बीच 11:20 तक 5 शिकायतें आई जो शिक्षा विभाग, भूलेख, पुलिस, विकास भवन और तहसील से जुड़ी थी। 11:23 पर पीड़ित शिवराम तहसील से संबंधित शिकायत लेकर आया। उसने बताया वहां कोई सुनवाई नहीं हुई है। उसके बाद भी अतिरिक्त मजिस्ट्रेट अभिषेक सिंह दोबारा उसे तहसील ही भेज दिए। अब समय था 11:24 तब डीएम साहब का चेंबर खुला। तमाम फरियादी अपनी फरियाद लेकर डीएम से मिलने लगे।इस बीच हरियावां ब्लाक के टेढ़वा गांव के दंपति मुन्नालाल पुत्र रामकिशुन अपनी पत्नी राजरानी के साथ आए। दोनो दिव्यांग हैं। मुन्ना लाल की गरीबी का ये आलम है कि अपने भाई सुरेश से 200 रुपए उधार लेकर वो डीएम के दफ्तर तक पहुंचे। 150 रुपए किराए में खर्च हो गए। 50 रुपए बचे हैं। अब उसमें वो दोपहर में कुछ खाए या वापस जाए। ये बड़ी चिंता है।1 साल पहले भी की थी शिकायतएक साल पहले भी डीएम से गुहार लगा चुके हैं। परिवार नहर किनारे पन्नी डाल कर रहता है। आज तक एक ट्राइ साइकिल तक नहीं मिली। दंपति के दो बच्चे 8 साल का अरुण और 5 साल की मोहिनी है। दंपति अपना दर्द बयां ही कर रहे थे कि तभी अतिरिक्त मजिस्ट्रेट अभिषेक सिंह ने जनसुनवाई के दौरान पत्रकारों का पीड़ित से बात करना गलत बताया। उन्होंने खबर छापने पर कार्रवाई करने को लेकर धमकाया।

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