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सूर्यदेव को जल चढ़ाते समय करें ये स्तुति पाठ, ग्रहों के स्वामी प्रसन्न होंगे तो पूरी होगी सभी मनोकामना

इंदौर। भारतीय ज्योतिष में सूर्य देव को सभी ग्रहों का स्वामी माना गया है। यदि किसी जातक की कुंडली में सूर्य देव मजबूत स्थिति में रहते हैं तो ऐसे लोगों को जीवन में कभी भी किसी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता है और उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है। वहीं कुंडली में सूर्य देव यदि कमजोर है, तो ऐसे में सूर्य देव की रोज उपासना करना फायदेमंद हो सकता है। पंडित चंद्रशेखर मलतारे के मुताबिक, सूर्य देव को प्रसन्न करने के लिए रोज सुबह जल चढ़ाना चाहिए और जल अर्पित करते समय यह स्तुति करना चाहिए।

। श्री सूर्य स्तुति।

जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन ।।

त्रिभुवन-तिमिर-निकन्दन, भक्त-हृदय-चन्दन॥

जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।।

सप्त-अश्वरथ राजित, एक चक्रधारी।

दु:खहारी, सुखकारी, मानस-मल-हारी॥

जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।।

सुर-मुनि-भूसुर-वन्दित, विमल विभवशाली।

अघ-दल-दलन दिवाकर, दिव्य किरण माली॥

जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।।

सकल-सुकर्म-प्रसविता, सविता शुभकारी।

विश्व-विलोचन मोचन, भव-बन्धन भारी॥

जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।।

कमल-समूह विकासक, नाशक त्रय तापा।

सेवत साहज हरत अति मनसिज-संतापा॥

जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।।

नेत्र-व्याधि हर सुरवर, भू-पीड़ा-हारी।

वृष्टि विमोचन संतत, परहित व्रतधारी॥

जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।।

सूर्यदेव करुणाकर, अब करुणा कीजै।

हर अज्ञान-मोह सब, तत्त्वज्ञान दीजै॥

जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।।

डिसक्लेमर

‘इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/जयोतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देंश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी’।

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