पूर्व पीएम मनमोहन सिंह की बायपास सर्जरी से पहले डाक्टर ने लिया था यह फैसला, पढ़े उनकी जुबानी

इंदौर । प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का बायपास आपरेशन कर चुके डा. रमाकांत पांडा ने बताया कि आपरेशन के तीन दिन पहले से ही उन्होंने अखबारों और न्यूज चैनलों से खुद को दूर कर लिया था, ताकि अनावश्यक तनाव से बच सकें। वे अब तक 29 हजार से ज्यादा सर्जरी कर चुके हैं। इनमें कई देशी-विदेशी राजनेता और अभिनेता शामिल हैं। वे एक बात हमेशा अपनी टीम से कहते हैं कि वह मरीज को सिर्फ मरीज समझें। यह बिलकुल मत सोचें कि जिसकी सर्जरी करने जा रहे हैं, वह कौन है। अगर यह सोचा तो तनाव बढ़ जाएगा।
डा. पांडा तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ ही राजद नेता लालूप्रसाद यादव, कम्युनिस्ट पार्टी नेता डी. राजा, अभिनेता दिलीप कुमार जैसी कई जानी-मानी हस्तियों के बायपास आपरेशन कर चुके हैं। वे शनिवार को इंदौर में थे। नईदुनिया से चर्चा में उन्होंने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन का बायपास आपरेशन करते समय वे तनाव में थे। आखिर उन्हें देश के प्रधानमंत्री की सर्जरी करनी थी। कार्डियोलाजिस्ट डा. एके पंचोलिया ने बताया कि शनिवार शाम डा. पांडा कार्डियोलाजिस्ट सोसायटी के शपथ ग्रहण कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए।
400 से ज्यादा डाक्टरों की सर्जरी कर चुके
डा. पांडा अब तक 400 से ज्यादा डाक्टरों की बायपास सर्जरी कर चुके हैं। इनमें इंदौर के डेढ़ दर्जन से ज्यादा डाक्टर शामिल हैं। दिल के बढ़ते मामलों को लेकर डा. पांडा ने कहा कि जीवन शैली में हुआ बदलाव इसकी मुख्य वजह है। एक कचोरी, एक समोसा खाने से जितनी चर्बी बनती है, उसे शरीर से बाहर निकालने के लिए कम से कम तीन घंटे चलना पड़ता है, लेकिन हम इतना नहीं चलते।
हमारे डाक्टर हैं नंबर वन
भारतीय डाक्टरों की प्रशंसा करते हुए डा. पांडा ने कहा कि निसंदेह हम नंबर वन हैं। अमेरिका का उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि वहां की जनसंख्या में बमुश्किल एक प्रतिशत भारतीय हैं, लेकिन वहां के कुल डाक्टरों में 15 प्रतिशत से ज्यादा भारतीय डाक्टर हैं। डा. पांडा ने कहा कि हमारे देश में संसाधनों में कमी नहीं है। हम बहुत तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।
व्यायाम करें, स्वस्थ रहें
डा. पांडा ने कहा कि दवाई और डाक्टर मरीज को जिंदा नहीं रखते हैं। अगर ऐसा होता तो अमीर लोग 200-300 वर्ष तक जिंदा रहते। व्यक्ति अगर लंबी उम्र जीता है तो वह सिर्फ इसलिए कि वह नियमित व्यायाम करता है। संयमित जीवन जीता है। खानपान का ध्यान रखता है और पर्याप्त नींद लेता है। एक घंटे का योग चार घंटे नींद के बराबर होता है।