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उत्तरप्रदेश

इटावा डीएम कार्यालय के बाहर किसानों का प्रदर्शन, पीड़ित बोले सुनवाई नही तो करेंगे आत्मदाह

इटावा: डीएम कार्यालय के बाहर किसानों का प्रदर्शनइटावा कलेक्ट्रेट में किसानों ने अपनी मांगों को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया। किसान अपने अपने परिवारों के साथ कलेक्ट्रेट पहुंचे। ज्ञापन देकर जमीन का मुआवजा देने की गुहार लगाई है। पिछले पंद्रह दिनों से दर्जनों किसान आवास विकास के सामने अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे है। लेकिन कोई अधिकारी उनकी सुनवाई करने के लिए किसानों के पास अब तक नही पहुंचा। इसी बात से नाराज किसान कलेक्ट्रेट में आज फिर से प्रदर्शन करने पहुंचे।शहर में सूत मिल पर आवास विकास और कोऑपरेटिव बैंक के कब्जा खाली कराने की मांग जोर पकड़ रही है। आवास विकास परिषद गेट पर आधा सैंकड़ा किसान, मजदूर अपनी मांगों को लेकर हिन्द किसान मजदूर पार्टी के बैनर तले अनिश्चिकालीन धरने पर पिछले पंद्रह दिन से बैठे है। लेकिन कोई अधिकारी उनसे मिलने उनका हाल जानने अब तक नही पहुंचा। जिससे किसानों की नाराजगी सरकार और प्रशासन के लिए बढ़ गई है। जिससे नाराज किसान और उनके परिवार के सैंकड़ों लोग हाथों में तख्तियां लेकर आज शुक्रवार को कलेक्ट्रेट पहुंच गये। किसानों ने डीएम कार्यालय पर पहुंचकर जोरदार नारेबाजी की और अपनी मांगों का ज्ञापन मजिस्ट्रेट को सौंपा।गौर तलब है कि सूत मिल की भूमि के मुआवजे को लेकर भू स्वामी काफी लंबे समय से लड़ाई लड़ रहे है। लेकिन अधिकारी व विभाग एक दूसरे के ऊपर जिम्मेदारी डालकर पल्ला झाड़ रहें है। सूत मिल अधिकारी के भूमि बेचने से इनकार कर रहे है। लेकिन आवास विकास परिषद भूमि को 100 करोड़ में खरीदने का दावा कर रही है और भुगतान के तौर पर सूत मिल विभाग को रकम देने की बात किसानों से कह रही है।किसानों का आरोप है कि करीब 60 किसानों की लगभग 214 बीघा भूमि सूत मिल निर्माण में 1959 पर ली गई थी। जिसमें यह अनुबंध हुआ था जब तक यह मिल संचालित है तब तक इन किसानों की भूमि सूत मिल की रहेगी लेकिन जब मिल बन्द होगी तो इनकी भूमि किसानों को वापस दी जाएगी। या फिर इसका इन किसानों को मुआवजा दिया जायेगा। 1998 में यह मिल बन्द हो गयी। और किसानों की भूमि का मुआवजा देने का विभाग ने वादा किया। लेकिन भूमि का मुआवजा इतना कम था जिसको लेने से किसानों ने इनकार कर दिया। जिसके बाद मामला उच्च न्यायालय पहुंचा जिसमें सभी भू स्वामियों को निर्धारित मुआवजा देने के आदेश दिए गये। जिसके बाद से अब तक उस भूमि पर आवास विकास के आवास, कॉपरेटिव बैंक का निर्माण हो चुका है। लेकिन किसानों को उनका हक अब तक नही दिया गया।इस प्रदर्शन में मुख्य रूप से रवि कुमार, जय सिंह, किशन सिंह, जीतू, अवनीश, दीपू, बृंदाबन, राम औतार, जगदीश, रामप्रकाश, राधेश्याम, छोटू, मीरा देवी, अमित, सिंकू, आकाश चौधरी, मुंसी, सुनीता, अवदेश देवी, निर्मला देवी, आरती देवी, संतोष कुमारी शामिल रहे।

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