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धार्मिक

भाद्रपद का पहला प्रदोष व्रत 12 सितंबर को, भोलेनाथ व हनुमान जी की पूजा जरूर करें

हिंदू धर्म में हर माह भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए प्रदोष व्रत रखा जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, हर माह की कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है। धार्मिक मान्यता है कि भगवान शिव की आराधना करने से सभी मनोकामनाएं सिद्ध हो जाती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, फिलहाल भाद्रपद माह चल रहा है और इस माह का पहला प्रदोष व्रत 12 सितंबर 2023 दिन मंगलवार को रखा जाएगा। यही कारण है कि इसे भौम प्रदोष व्रत भी कहा जाता है।

भौम प्रदोष व्रत 2023 का मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 11 सितंबर 2023 को रात 11.52 मिनट पर शुरू हो जाएगी और 13 सितंबर 2023 को 2.21 बजे आधी रात को इस तिथि का समापन दिखेगा। इस दिन पूजा के लिए शुभ मुहूर्त शाम 06.30 मिनट से रात 08.49 मिनट तक है।

जानें क्या है भौम प्रदोष व्रत का पौराणिक महत्व

हिंदू धर्म में माना जाता है कि राम भक्त हनुमान को भगवान शिव के रुद्रावतार हैं। Pradosh Vrat को विधि विधान के साथ रखने से जातक के जीवन में आने वाले सभी संकट खत्म हो जाते हैं। इसके अलावा जिन लोगों को मांगलिक दोष होता है, तो वे यदि ये व्रत रखते हैं तो वैवाहिक जीवन में आने वाली परेशानियां दूर हो जाती है। वहीं व्यक्ति को शारीरिक पीड़ा से मुक्ति मिलती है।

भौम प्रदोष व्रत पूजा विधि

  • सुबह स्नान के बाद व्रत का संकल्प लें।
  • बजरंगबली को चोला चढ़ाएं।
  • शाम को फिर स्नान के बाद शिव जी की विधिवत पूजा करें।

डिसक्लेमर

‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’

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