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उपभोक्ता आयोग का आदेश सेवा में कमी 13 हजार रू सहकारी बैंक पर जुर्माना।
मुरैना । न्यायालय जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग के प्रधान जिला न्यायाधीश एवम अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद शर्मा , वरिष्ठ न्यायिक सदस्य राकेश शिवहरे एवम श्रीमती निधि कुलश्रेष्ठ की न्यायपीठ द्वारा फैसला देते हुए सहकारी बैंक को आदेश दिया ही कि वह उपभोक्ता दर्शन सिंह कर्ण निवासी मुरेना गांव को 30 दिन के अंदर राशि 13 हजार रुपए क्षतिपूर्ति अदा करें। उपभोक्ता दर्शन सिंह ने अपनी बचत से तीन लाख रु दो वर्ष के लिए जमा कराए अवधि पश्चात ₹3 लाख की कुल राशि 4,76,900 रु का चेक जोरा स्थित द मुरैना सिटीजन साख सहकारी संस्था में जमा किया जिसमें उसका स्वयं का खाता था उक्त चेक को जोरा से अपने मुख्यालय जिला केंद्रीय सहकारी बैंक मुरैना को क्लीयरेंस के लिए भेजा गया परंतु दो-तीन माह तक उक्त चेक का क्लीयरेंस नहीं आया तब उपभोक्ता ने संबंधित संस्था में जाकर उसकी शिकायत की शिकायत के काफी लंबे समय बाद बताया गया कि उसका चेक मुरैना भेजा गया था जो मिस्प्लेस हो गया है मिलते ही आपके खाते में राशि आ जाएगी परंतु 2 वर्ष तक उसके खाते में राशि नहीं आने पर उन्होंने पत्राचार किया और लीगल नोटिस भी दिया परंतु ना तो उसके खाते में राशि ट्रांसफर हुई और ना ही उसे चेक वापस प्राप्त हुआ बल्कि यह पत्र उसे प्राप्त हुआ कि उसका चेक मिस्प्लेस हो गया है इस प्रकार उपभोक्ता निरंतर परेशान होता रहा लेकिन उसकी राशि या चेक प्राप्त नहीं हुआ ,मजबूरन बैंक के खिलाप जिला उपभोक्ता विवाद प्रदूषण आयोग मुरैना में शिकायत दर्ज कराई गई जिस पर उभय पक्षों की जवाब साक्ष्य के उपरांत न्यायपीठ ने पाया कि अनावेदक गण का कृत्य अपने कर्तव्यों के प्रति उदासीनता एवं सेवा में कमी का परिचायक एवम घोर सेवा में कमी प्रमाणित होना पाई गई। न्यायालय उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग की न्यायपीठ द्वारा प्राकृतिक न्याय सिद्धांत के आधार पर सेवा में कमी मानते हुए। अनावेदक गण को आदेश दिया है कि उपभोक्ता को छतिपूर्ति राशि 10 हजार रू साथ ही हर्जा खर्चा के 3000 रु तीस दिन में अदा करे।
