अधिनियम के प्रविधानों के तहत मंदसौर गोलीकांड की जांच रिपोर्ट सार्वजनिक करना अनिवार्य

इंदौर। मंदसौर गोलीकांड की जांच रिपोर्ट सार्वजनिक करने की मांग करते हुए हाई कोर्ट में चल रही जनहित याचिका में सोमवार को सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता ने रिजाइंडर प्रस्तुत करते हुए कोर्ट को बताया कि जांच आयोग अधिनियम के प्रविधानों के तहत जांच आयोग की रिपोर्ट सार्वजनिक करना अनिवार्य है।
इस अधिनियम की मंशा यही है कि आयोग की जांच रिपोर्ट छह माह में सार्वजनिक पटल पर रख दी जाए। याचिकाकर्ता ने अपनी बात के समर्थन में दस्तावेज भी प्रस्तुत किए हैं। शासन ने रिजाइंडर पर जवाब के लिए तीन सप्ताह का समय मांगा है।
गोली लगने से पांच किसानों की हो गई थी मौत
किसान आंदोलन के दौरान 6 जून 2017 को मंदसौर में प्रदर्शन कर रहे किसानों पर पुलिस द्वारा गोली चलाने से पांच किसानों की मृत्यु हो गई थी। मामले की जांच के लिए शासन ने हाई कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति जेके जैन की अध्यक्षता में ‘जैन आयोग’ गठित किया था।
2018 में शासन को सौंप दी थी रिपोर्ट
आयोग ने 13 जून 2018 को अपनी जांच रिपोर्ट शासन को दे दी थी। इस रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की मांग करते हुए पूर्व विधायक पारस सकलेचा ने एडवोकेट प्रत्युष मिश्रा के माध्यम से हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की है।