इसरो के मून मिशन में MP के इस युवा वैज्ञानिक का किरदार अहम मिल चुके हैं कई अवार्ड

उमरिया। चंद्रयान-3 मिशन के अंतिम पड़ाव में है 14 जुलाई को सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लांच किया गया चंद्रयान-3 का विक्रम लैंडर आज 23 अगस्त को चांद की सतह पर लैंड करेगा। चंद्रयान को लांचिंग से लेकर चांद की कक्षा के करीब पहुंचाने का जटिल काम वैज्ञानिकों ने सफलतापूर्वक पूरा किया। वैज्ञानिकों की इस टीम में मध्यप्रदेश के उमरिया जिले के प्रियांशु मिश्रा ने भी अहम भूमिका निभाई है। प्रियांशु मिश्रा इसरो में साइंटिस्ट एसएफ के पद पर पदस्थ हैं और चंद्रयान-2 मिशन में भी अपना योगदान दे चुके हैं.
मिशन ने बढ़ाया उत्साह
इस मून मिशन को लेकर इसरो समेत पूरा देश उत्साहित है। उमरिया जिले के चंदिया जैसे छोटे से कस्बे से आने वाले प्रियांशु मिश्रा को चंद्रयान-2 के बाद जब चंद्रयान-3 की टीम में शामिल किया गया तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। प्रियांशु के पिता विनोद कुमार मिश्रा और माता प्रतिभा मिश्रा इस उपलब्धि से गर्वित हैं। विनोद कुमार ने बताया कि प्रियांशु अपने इस मिशन को लेकर काफी उत्साहित थे और इस बार सफलता के लिए पूरे मन से जुटे हुए थे।
चंद्रयान-2 के बाद मिशन में शामिल
प्रियांशु के पिता विनोद मिश्रा ने बताया कि उनके बेटे विक्रम साराभाई अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र तिरुवनंतपुरम केरल में एसएफ के पद पर पदस्थ हैं. भोपाल से हायर सेकेंडरी की पढ़ाई पूरी कर प्रियांशु मिश्रा देहरादून से बीटेक और रांची से एमटेक करने के बाद वर्ष 2009 में इसरो का हिस्सा बन गए। प्रियांशु पहले भी चंद्रयान 2 मिशन लांचिंग 2019, वनवेव उपग्रह लांचिंग 2023 का हिस्सा रह चुके हैं। भविष्य के दो मिशन आदित्य मिशन और गगनयान मिशन शामिल में उनका नाम शामिल है।
मिल चुके हैं कई अवार्ड
चंद्रयान 3 की सफल लांचिंग का हिस्सा रहे प्रियांशु मिश्रा पहले भी कई बार सम्मानित हो चुके हैं। प्रियांशु को वर्ष 2017 में यंग साइंटिस्ट मेरिट अवार्ड मिला। इसके बाद वर्ष 2022 में उन्हें एक्सीलेंस अवार्ड से सम्मानित किया गया। इतना ही नहीं संस्था में उन्हें ऐसी के पद से एसएफ के पद पर पदोन्नति भी मिली।