पढ़ने के लिए तैरकर जाते हैं बच्चे पूर्व वन मंत्री सिंघार ने नाव की व्यवस्था की बोले- सरकार पुल बनाए

धार। आपने अपने बुजुर्गों को कहते सुना होगा कि हम स्कूल तैरकर जाया करते थे, क्यों कि नदी पार करने के लिए कोई व्यवस्था नहीं थी। सरदारपुर तहसील के कचनारिया प्राथमिक विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चे आज भी तैरकर स्कूल जाने को मजबूर हैं। बारिश के मौसम में नदी में पानी ज्यादा हो जाता है, तो उनकी छुट्टी करनी पड़ती है। बच्चों के नदी पार करने का वीडियो वायरल हुआ, तो मीडिया में मामले ने तूल पकड़ लिया।
मीडिया में खबर आने के 24 घंटे भी नहीं हुए थे कि पूर्व वन मंत्री और गंधवानी विधायक उमंग सिंघार कचनारिया पहुंच गये। उन्होंने कहा कि बच्चों को तैरकर स्कूल जाना पड़ता है। मेरी सरकार से मांग है कि वह नदी पर पुल बनवाया जाए, जिससे बच्चों को परेशानी ना हो। उन्होंने कहा कि अभी के लिए नाव की वैकल्पिक व्यवस्था कर रहा हूं।
एक या दो दिन में नाव की होगी व्यवस्था
सिंघार ने कहा कि विश्व आदिवासी दिवस पर आज समाज जश्न मना रहा है। मीडिया से पता चलने पर मैं सारे कार्यक्रमों को छोड़कर यहां पर आया हूं। अधिकारियों से बात की है। हम जल्द ही पुल का निर्माण करवायेगे। सिंघार ने कहा कि अभी वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर मैं अपनी ओर से यहां पर एक नाव दे रहा हूं, जिससे ग्रामीण नदी पार कर सकेंगे। एक या दो दिन में नाव की व्यवस्था हो जायेगी।
आदिवासी समाज में रोष
सिंघार ने आदिवासियों के मुद्दे पर सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि बड़े दुख की बात है कि आज प्रदेश और देश में आदिवासियों पर अत्याचार बढ़ रहे हैं। सीधी में आदिवासी समाज के युवक पर पेशाब करना का मामला हो, मणिपुर में आदिवासी महिलाओं से बलात्कार और उसके बाद उनकी हत्या करने की घटना हो। सिंघार ने कहा कि इस तरह की घटनाओं से आदिवासी समाज में रोष है।
सरकार जल्द पुलिया का करे निर्माण
विधायक उमंग सिंघार ने कहा कि सरकार दूसरे समाज के आयोजन पर भी अवकाश घोषित करती है, लेकिन आज विश्व आदिवासी दिवस पर कोई अवकाश घोषित नहीं किया यह दुख की बात है। सरकार जल्द से जल्द यहां पर पुलिया स्वीकृत कर उसका निर्माण करवाएं नहीं, तो जल्द ही आप जाने वाले हो फिर हम यहां पर पुलिया बनाएंगे।
बच्चों को दी चॉकलेट और 2 हजार रुपए नगद
सिंघार ने तैर कर नदी पार करने वाली बच्चियों के हौसले को सलाम करते हुए उनकी तारीफ की। सभी बच्चों को चॉकलेट खाने के लिये अपनी ओर से 2000 रुपए नगद दिये। उन्होंने कहा कि जल्द ही आपके पास नाव आ जाएगी, फिर उस पर बैठकर नदी पार करना।