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मध्यप्रदेश

एम्स में दो महीने में शूरू होगा किडनी ट्रांसप्लांट विदिशा में शुरू किया पहला ई-आइसीयू

भोपाल। किडनी संबंधी रोगों से ग्रस्त मरीजों के लिए अच्छी खबर है। अब अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में किडनी प्रत्यारोपण की सुविधा शुरू हो जाएगी। दो महीने बाद यानि अक्टूबर में एम्स में पहला किडनी ट्रांसप्लांट किया जा सकता है। इसके लिए सभी तरह की औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं। यह जानकारी एम्स भोपाल में आयोजित एम्स कल आज और कल नामक एक परिचर्चा में दी गई। एम्स के कार्यपालक निदेशक प्रो. डा. अजय सिंह ने बताया कि पिछले एक साल में उनके कार्यकाल के दौरान एम्स में मरीजों की सुविधाओं को लेकर खासी प्रगति हुई है। इस दौरान उन्होंने बताया कि आने वाले समय में खाली पड़ी छतों पर सोलर पैनल लगाकर खुद की बिजली का उत्पादन करने की तैयारी कर रहे हैं। इतना ही नहीं दिल्ली के तर्ज पर 2023 तक एम्स भोपाल में एपेक्स ट्रामा और एपेक्स पीडियाट्रिक सेंटर खोलने की योजना पर भी काम किया जा रहा है। मालूम हो कि राजधानी में सरकारी स्तर पर हमीदया अस्पताल में किडनी ट्रासंप्लांट की सुविधा है। इसके अलावा तीन निजी अस्पतालों मे भी किडनी ट्रांसप्लांट होता है।

विदिशा में शुरू किया पहला ई-आईसीयू

एम्स भोपाल द्वारा विदिशा के सरकारी मेडिकल कालेज में प्रदेश के पहले ई आइसीयू की शुरूआत की है। इसमें लाइव मानीटरिंग, एडवांस वीडियो कान्फ्रेंसिंग की सुविधा है। किसी भी गंभीर स्थिति में मेडिकल कालेज के चिकित्सक एम्स से संपर्क करते हैं। यहां से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से मरीजों का उपचार किया जाता है। डा. सिंह ने बताया कि ई आइसीयू के बाद विदिशा से रैफर केस में मामलों में 80 प्रतिशत तक कमी हुई है। उन्होंने बताया कि अगर राज्य सरकार चाहे तो एम्स प्रदेश के अन्य मेडिकल कालेजों में भी ई आइसीयू शुरू कर सकता है।

मरीजों के लिए शुरू हुई ये सुविधाएं

शनिवार को एम्स में मरीजों की चिकित्सा और सुरक्षा से जुड़ी पांच सुविधाओं की शुरुआती की गई।

– गंभीर रूप से घायल मरीजों के लिए ट्रामा सेंटर में एसटीएसटी लैब की शुरूआत की गई। इसमें मरीजों की जांच त्वरित हो सकेगी।

– मरीजों की सुरक्षा के लिए एम्स में पुलिस चौकी भवन तैयार किया गया है। भवन बनने से यहां पुलिस बल बढ़ जाएगा

– मरीजों के लिए नए प्राइवेट वार्ड तैयार किए गए , इसके अतिरिक्त, प्राइवेट वार्ड क्षेत्र के भीतर एक नई फोटो गैलरी विकसित की गई

– मेडिकल आन्कोलाजी, सर्जिकल आन्कोलाजी और रेडिएशन आन्कोलाजी के लिए आन्कोलाजी डे केयर सेंटर शुरू किया गया

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