ब्रेकिंग
उज्जैन स्लीपर बस पलटी गर्भवती महिला सहित 9 घायल केंद्र सरकार कराऐगी जाति जनगणना PCC चीफ ने कहा, DGP का आदेश खाकी वर्दी का अपमान सांसद-विधायक को सैल्यूट करेगें पुलिस कर्मी, ये लोकतं... सीएम बोले- पाकिस्तानी नागरिकों को एमपी से जल्द बाहर करें: पुलिस अधिकारियों को अभियान चलाने के निर्दे... मंदसौर में तेज़ रफ़्तार कार कुऐ में गिरी 6 लोगों की मौत केंद्र सरकार का एक और सख्त फैसला, पाकिस्तानी हिंदुओं की चारधाम यात्रा पर रोक कथावाचक पं. प्रदीप मिश्रा ने अमित शाह को बताया शिव अवतार, बयान पर मचा बवाल, कांग्रेस-बीजेपी आमने-साम... केंद्र सरकार का बड़ा ऐलान: पाकिस्तानी हिन्दु , सिखो का वीजा रद्द नहीं होगा नवविवाहिता के साथ रेप कर हत्या, कमरे में निवस्त्र मिली लाश, जेठ पर आरोप कमरे में निवस्त्र मिली लाश,... पहलगाम हमले के बाद अमरनाथ यात्रा पर खतरा मंडराया, सुप्रीम कोर्ट में पीआईएल दाखिल
मध्यप्रदेश

रमरमा माइंस में बाघिन की चहलकदमी मजदूर अपनी जगह पर करीब छह घंंटे बैठे

बालाघाट। कान्हा सहित जिले के रमरमा वन क्षेत्र में अक्सर वन्यप्राणियों की मौजूदगी बनी रहती है। एक दिन पहले रमरमा माइंस क्षेत्र में उस समय लोग सहम गए, जब उन्होंने एक बाघिन को अपने दो शावकों के साथ चहलकदमी करते देखा। रमरमा क्षेत्र घने जंगलों से घिरा है और सोनेवानी से लगा है, जहां हमेशा बाघों की गतिविधियां देखी जाती है।

बाघिन अपने शावकों के साथ रात में लौटी, मजदूर दहशत में

बाघिन अपने शावकों के साथ माइंस इलाके में पहुंच गई, जिसके बाद वहां काम कर रहे मजदूर दहशत में आ गए। अंडर ग्राउंड में काम कर रहे कुछ मजदूरों को आसपास बाघिन के होने की सूचना मिलते ही वो भी अपनी जगह पर करीब छह घण्टे बैठे रहे। वन विभाग को जानकारी मिलते ही मौके पर पहुंचे। मादा बाघ एवं उसके बच्चों को वहां से हटने तक वन अमले का पाईंट लगाया गया।

तीन सर्किल की टीम तैनात थी, बाघिन ने किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया

वन परिक्षेत्र अधिकारी छत्रपाल सिंह ने बताया कि मौके पर तीन सर्किल की टीम तैनात थी, लेकिन देर रात बाघिन बिना किसी को नुकसान पहुंचाए अपने शावकों के साथ जंगल की ओर चली गई। रमरमा क्षेत्र में गत दिनों एक वन्यप्राणी के शिकार के बाद क्षेत्र में इन दिनों बाघ सहित अन्य वन्यप्राणियों की चहलकदमी बढ़ गई है। बता दें कि इस इलाके में रमरमा, पेंदीटोला, नैतरा, कटंगझरी, शेरपार, नांदगाव, बोटेझरी, सिर्रा, चिरचिरा जैसे वनग्रामों में बाघ व तेंदुए किसानों के पालतू मवेशियों का शिकार करते रहते हैं, जिससे किसानों को आर्थिक नुकसान हो रहा है। इसके अलावा पूर्व में भी यहां चरवाहों व जंगल में लकड़ी काटने जाने वाले ग्रामीणों पर बाघ हमला कर चुका है।

Related Articles

Back to top button