विकास कार्यों को पूरा करने के लिए बाजार से 10 हजार करोड़ का कर्ज उठाएगी सरकार

भोपाल। विकास कार्यों को पूरा करने और अन्य आर्थिक गतिविधियोें के लिए राज्य सरकार अगले तीन माह में बाजार से 10 हजार करोड़ रुपये का कर्ज उठाएगी। इनमें सड़क, पुल-पुलियों के निर्माण, विभिन्न उद्देश्य से भवनों के निर्माण शामिल हैं।
इसके अलावा राज्य सरकार चुनाव से पहले वृद्धावस्था, सामाजिक सुरक्षा सहित अन्य पेंशन योजनाओं की राशि बढ़ाने पर भी विचार कर रही है। वर्तमान में इन पेंशनभोगियों को प्रति माह छह सौ रुपये पेंशन दी जा रही है। कांग्रेस के वादों की हवा निकालने के लिए सरकार रसोई गैस से मिलने वाले टैक्स में कटौती कर प्रदेश की जनता को भी राहत दे सकती है। इस पर भी अंदरखाने में चर्चा शुरू हो गई है।
राज्य सरकार विकास पर्व मना रही है। इसके अंतर्गत विभिन्न जिलों और शहरों में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान रोड-शो कर रहे हैं। इस दौरान स्कूल, कालेज, पंचायत भवन सहित अन्य कार्यों का लोकार्पण किया जा रहा है, तो नए कार्यों के लिए भूमिपूजन भी किया जा रहा है।
विधानसभा चुनाव से पहले इन कार्यों का निर्माण प्रारंभ किया जाना है। इसे देखते हुए बाजार से 10 हजार करोड़ रुपये कर्ज लेने की तैयारी शुरू हो गई है। वित्त विभाग इस काम में जुट गया है। जुलाई से सितंबर तक यह राशि बाजार से उठाई जा सकती है।
पेंशन राशि में वृद्धि की संभावना
चुनाव से पहले राज्य सरकार पेंशनभोगियों को भी साधने की तैयारी कर रही है। जानकार बताते हैं कि वृद्धावस्था, सामाजिक सुरक्षा, परित्यक्ता, कल्याणी एवं दिव्यांगजन सहित अन्य पेंशन की राशि बढ़ाने पर विचार चल रहा है। वर्तमान में पेंशनभाेगियों को छह सौ रुपये महीने पेंशन दी जा रही है। कमल नाथ सरकार ने वर्ष 2019 में पेंशन राशि तीन सौ से बढ़ाकर छह सौ रुपये महीना की है। सरकार बनने से पहले कांग्रेस ने पेंशन राशि एक हजार रुपये महीना करने की घोषणा की थी, जिसे अपने घोषणा पत्र में शामिल किया था। बता दें कि प्रदेश में 45 लाख पेंशनभागी हैं।
रसोई गैस में छूट देने की तैयारी
जानकार बताते हैं कि चुनाव से पहले राज्य सरकार रसोई गैस पर लगने वाला टैक्स कम कर सकती है। ऐसा करके कांग्रेस के चुनावी वादों की हवा निकालने की कोशिश है। इस पर अंदरखाने में मंथन चल रहा है। कांग्रेस ने वादा किया है कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनी, तो रसोई गैस पांच सौ रुपये प्रति सिलेंडर की दर से दी जाएगी। वर्तमान में घरेलू रसोई गैस पर पांच प्रतिशत जीएसटी लगता है। इसमें से ढाई प्रतिशत केंद्र और ढाई प्रतिशत राज्य को मिलता है। जबकि कामर्शियल रसोई गैस पर 18 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगता है।