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दिव्यांग शिक्षकों के प्रमाण पत्र हुए चेक मेडिकल बोर्ड करेगा दिव्यांगता प्रतिशत की जांच।

मुरैना: फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्रों से नौकरी प्राप्त करने वाले जो संविदा शिक्षक शक के दायरे में आए हैं उनको मंगलवार को डिप्टी कलेक्टर राजन नाडिया के सामने पेश किया गया। 22 शिक्षकों को बुलाया गया था, जिनमें से आधे से अधिक शिक्षक उपस्थित हुए। डिप्टी कलेक्टर व जिला शिक्षा अधिकारी के नेतृत्व में गठित टीम ने, प्रमाण पत्रों की जांच की। प्रदेश की संविदा शिक्षक परीक्षा में कई शिक्षक फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्रों से नौकरी पा गए हैं। इनमें से सबसे अधिक दिव्यांग शिक्षक मुरैना जिले से हैं। जब इन शिक्षकों का भंडाफोड़ हुआ तो कई शिक्षकों ने तो अपने पद से त्यागपत्र ही दे दिया। इसके बाद अब अंचल के 22 शिक्षकों को डिप्टी कलेक्टर राजन नाडिया व जिला शिक्षा अधिकारी एके पाठक की उपस्थिति में मौजूद जांच समिति ने उनके दिव्यांग प्रमाण पत्रों की बारीकी से जांच की। जांच में अधिकांश वे शिक्षक आए थे जो हाथ पैरों से ऑर्थोपेडिक विकलांग थे तथा उनकी विकलांगता सामने दिखाई दे रही थी। इसके अलावा वे शिक्षक नजर नहीं आए जो कान व अन्य श्रेणियों में विकलांग थे डिप्टी कलेक्टर नाडिया ने पत्रकारों को बताया कि मैं यहां केवल दिव्यांग प्रमाण पत्रों की जांच करने के लिए बैठा हूं। अब दिव्यांग प्रमाण पत्र में दिव्यांग ने दिव्यांगता का जो प्रतिशत लिखवाया है, उसके हिसाब से क्या वह वास्तव में दिव्यांग है, इसका निर्णय मेडिकल बोर्ड लेगा।

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