उज्जैन संभाग में 4385 करोड़ की बिजली सब्सिडी दी उच्च वेतनमान भी मंजूर

इंदौर। मध्य प्रदेश सरकार रियायती बिजली के लिए अटल गृह ज्योति योजना, अटल कृषि योजना का प्रभावी क्रियान्वयन कर रही है। इसके लिए मप्र पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी उज्जैन संभाग में दोनों ही महत्वपूर्ण योजनाओं को औसत पात्र 21 लाख उपभोक्ताओं को लाभ मिला है। एक वर्ष के दौरान उज्जैन संभाग के सातों जिलों के उपभोक्ताओं को 4385 करोड़ रुपये की सब्सिडी प्रदान की गई है।
मध्य प्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के प्रबंध निदेशक अमित तोमर ने बताया कि उज्जैन जिले में सबसे ज्यादा सवा चार लाख उपभोक्ता योजनाओं का लाभ ले रहे हैं। यहां वार्षिक सब्सिडी एक हजार करोड़ की जाती है। इसी तरह रतलाम, देवास में भी औसत साढ़े तीन लाख से ज्यादा उपभोक्ता को 750 करोड से 800 करोड़ की सब्सिडी प्रदान की जा रही है। मंदसौर में तीन लाख चालीस हजार से ज्यादा उपभोक्ताओं को 657 करोड़ की सब्सिड़ी प्रदान की जा रही है। शाजापुर में सवा दो लाख उपभोक्ताओं को 442 करोड़ की, नीमच में दो लाख उपभोक्ताओं को 438 करोड़, आगर में सवा लाख उपभोक्ताओं को 284 करोड़ की सब्सिडी प्रदान की जा है।
किसान ज्योति योजना में भी मिल रहा लाभ
तोमर ने बताया कि उज्जैन क्षेत्र में उद्वहन सिंचाई योजना, स्ट्रीट लाइट के लिए भी सब्सिडी दी जा रही है। नियमित रूप से गृह ज्योति योजना के 15 लाख से ज्यादा एवं किसान ज्योति योजना करीब छह लाख पात्रों को लाभान्वित किया जा रहा है। संभाग में अजा, जजा श्रेणी के वे किसान जो एक हेक्टेयर जमीन और पांच हार्सपावर की मोटर रखते हैं, उन्हें कृषि कार्य के लिए बिल्कुल मुफ्त बिजली दी जा रही है। कृषि क्षेत्र में 14 हार्स पॉवर की मोटर वाले एक उपभोक्ता का बिल वार्षिक बिल करीब 1.60 लाख होता है, इन उपभोक्ताओं से मात्र 7.50 प्रतिशत अंश लिया जाता है, शेष करीब 1.40 लाख की सब्सिडी मप्र शासन द्वारा प्रदाय की जा रही है।
उच्च वेतनमान मंजूर
कंपनी के प्रबंध निदेशक तोमर के निर्देश पर नियमानुसार सेवा अवधि पूर्ण करने वाले कर्मचारियों, अधिकारियों को उच्च वेतनमान की मंजूरी प्रदान की गई है। कंपनी के मुख्य महाप्रबंधक रिंकेश कुमार वैश्य ने बताया कि इन कार्मिकों को प्रतिमाह करीब दो हजार से नौ हजार रुपये तक का फायदा मिलेगा। वैश्य ने बताया कि उच्च वेतनमान सेवा अवधि पूर्ण होने के उपरांत मंजूर किया गया है। इसका उच्च पद पर पदस्थी या पदोन्नति जैसे विषयों से कोई संबंध नहीं है।