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मुरैना में फर्जी दिव्यांग प्रमाणपत्र से आठ और शिक्षकों ने पाई नौकरी राज्य शिक्षा केंद्र ने जांच के लिए भेजी थी 19 प्रमाण पत्रों की जांच, एक प्रमाण पत्र संदेह के दायरे में।
मुरैना। संविदा शिक्षक भर्ती में मुरैना से बने फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र के आधार पर नियुक्ति पाने वालों की सूची लगातार बड़ी होती जा रही है। 77 शिक्षकों के बाद आठ और शिक्षकों के प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए हैं। इसके अलावा एक प्रमाण पत्र संदेह के दायरे में होने का कारण दोबारा जांच के लिए भेजा गया। फर्जी प्रमाण पत्र वाले इन शिक्षकों पर भी मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।उल्लेखनीय है कि संविदा शिक्षक भर्ती में मुरैना जिला अस्पताल से बने 257 दिव्यांग प्रमाण पत्रों के आधार पर नौकरी पाने वाले सैकड़ों शिक्षकों ने प्रदेश भर में नियुक्ति पाई थी। राज्य शिक्षा केंद्र ने फर्जी होने की आशंका पर लग रहे पहले 85 शिक्षकों के प्रमाण पत्र चेक करने की सूची भेजी थी। जिसमें से 77 के प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए। आठ ऐसे प्रमाण पत्र थे जिनका पूरा रिकार्ड न होने से जांच नहीं हो सकी। राज्य शिक्षा केंद्र ने इन आठ का भी रिकार्ड भेजा तो जांच में इनमें राकेश पचौरी पुत्र जीवाराम पचौरी, सुरेश बसेडिया पुत्र मुरारी के प्रमाण पत्र पूरी तरह फर्जी मिला तो वहीं दीपक पुत्र अशोक शर्मा का पंजीयन नहीं मिला, लेकिन प्रमाण पत्र पर हस्ताक्षर को लेकर पुन: परीक्षण कराने की बात कही गई है। इसी तरह राज्य शिक्षा केंद्र ने 19 शिक्षकों की एक ओर सूची भेजी। जिसकी जांच में छह शिक्षकों के प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए हैं। इनमें घनश्याम शर्मा पुत्र श्रीराम शर्मा, लवली पत्नी मुकेश कुमार, ऋषिकेश मीणा, रघुराज सिंह, रिंकू कुमार, पवन प्रताप मीणा के नाम शामिल हैं।
