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मध्यप्रदेश में 3 से 6 साल के बच्चों को पढ़ाया जाएगा आजादी दिलाने वाले जननायकों का इतिहास मध्य प्रदेश में केजी और केजी-दो कक्षाओं के पाठ्यक्रम में भी शामिल किए जाएंगे ये विषय।
भोपाल। राज्य सरकार अब तीन से छह साल (आंगनबाड़ी केंद्रों पर जाने वाले) के बच्चों को चंद्रशेखर आजाद, टंट्या भील, रानी दुर्गावती, रानी अवंती बाई आदि स्थानीय जननायकों का इतिहास सरल भाषा में समझाएगी। उन्हें बाल्यावस्था में ही बताया जाएगा कि देश और उनके क्षेत्र में कैसे-कैसे महानायक पैदा हुए हैं और उन्होंने समाज और देश के लिए क्या-क्या किया है। महिला एवं बाल विकास विभाग ने इसके निर्देश जारी कर दिए हैं। विभाग के अधिकारियों का तर्क है कि ऐसा करने से बच्चों में बाल्यावस्था से ही अपने क्षेत्र और देश के प्रति स्वाभिमान का भाव जागृत होगा। डू इट योअर सेल्फ किट विभाग आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों के लिए स्थानीय खेल और खिलौना का 'डू इट योअर सेल्फ' किट तैयार कर रहा है, जिसमें विभिन्न खेल शामिल किए जा रहे हैं। इसे लेकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और स्थानीय खिलौना इकाइयों के प्रतिनिधियों की कार्यशालाएं भी आयोजित की जाएंगी। जिनमें विस्तार से चर्चा होगी कि किन बातों को इसमें शामिल किया जाना है। मूल्यों की शिक्षा भी दी जाएगी इसके अलावा बच्चों को सकारात्मक व्यवहार एवं मूल्यों की शिक्षा भी दी जाएगी। उन्हें इको फ्रेंडली, देशज एवं गैर नुकसानदेय या रिसाइकल की गई सामग्री का उपयोग करना भी सिखाया जाएगा। इस दौरान राष्ट्रीय एकता और सांस्कृतिक विविधता को भी प्रोत्साहित किया जाएगा। इन्हें शाला पूर्व शिक्षा (केजी और केजी-दो) कक्षाओं के पाठ्यक्रम में भी शामिल किया जा रहा है। बता दें कि मध्य प्रदेश में यह चुनावी वर्ष है और इस साल में सरकार के फोकस में जनजातीय वर्ग है। पिछले डेढ़ साल से प्रदेश में जनजातीय जननायकों के सम्मान में कार्यक्रम किए जा रहे हैं। राज्य सरकार ने जननायकों का इतिहास पाठ्यपुस्तकों में पढ़ाने की घोषणाएं भी की हैं।
