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सास की हत्या के आरोप में दामाद को आजीवन कारावास की सजा ।
ग्वालियर पेरवीकर्ता हरिओम वर्मा विशेष लोक अभियोजक डबरा ने बताया कि न्यायालय प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश (श्री सुशील कुमार) डबरा ने आरोपी राजकुमार उर्फ भगवान सिंह निवासी ग्राम उडीना जिला दतिया को अपनी सास केशरबाई की हत्या एवं अपनी पत्नी रानी के हत्या के प्रयास में दोषी पाकर धारा 302 भादवि में आजीवन कारावास एवं धारा 307 भादवि में 10 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनायी तथा कुल 20000 रूपये के अर्थदण्ड से भी दण्डित किया। घटना संक्षेप में है कि आरोपी राजकुमार और उसकी पत्नी रानी सहित अपनी ससुराल ग्राम जरगांव थाना गिजौर्रा में सास केशरबाई के घर लगभग 3 माह से रहकर मजदूरी का काम कर रहा था, दिनांक 11-05-2020 को सुबह करीब साढे आठ बजे आरोपी राजकुमार उसकी पत्नी रानी और सास केशरबाई तीनों लकडी लेने ग्राम जरगांव में टगर के हार में जा रहे थे रास्ते में राजकुमार ने अपनी सास केशरबाई से कहा कि तू आगे चल मैं अपनी पत्नी रानी से कुछ बात करूंगा और जब केशरबाई आगे नहीं गयी इसी बात पर से नाराज होकर आरोपी राजकुमार ने अपने हाथ में ली हुयी कुल्हाडी से केशरबाई के सिर में मारा जिससे लहुलुहान होकर वह जमीन पर गिर पडी तथा दूसरी कुल्हाडी केशरबाई के पैर में, हाथ में मारी और आरोपी की पत्नी रानी बचाने आयी तो उसके सिर में भी कुल्हाडी मारी जिससे वह जमीन पर गिर पडी। आरोपी वहां से भाग गया, थोडी देर बाद रानी का भाई आकाश मौके पर आया तब तक केशरबाई की मृत्यु हो चुकी थी। आकाश अपनी मां केशरबाई और बहन रानी को पुलिस की गाडी में डालकर डबरा अस्पताल ले गया, अस्पताल में श्रीमती रानी बाल्मीकि ने अपने पति राजकुमार उर्फ भगवान सिंह बाल्मीकि निवासी ग्राम उडीना जिला दतिया के विरूद्ध रिपोर्ट दर्ज करायी। पुलिस ने आवश्यक अनुसंधान उपरांत राजकुमार उर्फ भगवान सिंह के विरूद्ध चिन्हित जघन्य एवं सनसनीखेज प्रकरण के रूप में अभियोग पत्र न्यायालय में पेश किया। न्यायालय ने आरोपी की पत्नी आहत रानी एवं अन्य अभियोजन साक्षियों की अभिसाक्ष्य एवं अभियोजन द्वारा न्यायालय के समक्ष पेश की गयी साक्ष्य एवं लिखित बहस व तर्कों से सहमत होते हुए आरोपी राजकुमार उर्फ भगवान सिंह को दोषी पाकर सजा सुनायी।
