ब्रेकिंग
10 रुपये का विवाद... गांव पहुंची बस तो कंडक्टर की हो गई धुनाई, तो कंडक्टर की हो गई धुनाई, तो कंडक्टर... संपत्ति विवाद में सगे भाई ने नवविवाहित छोटे भाई की दांतो से कांटी ऊंगली कटकर हुई अलग बचाने आऐ दूसरे ... मुरैना हॉप इलेक्ट्रॉनिक शोरूम में इलेक्ट्रॉनिक स्कूटी में अचानक हुआ विस्फोट फायरबिग्रेड ने बड़ी मशक्... मुरैना के सबलगढ़ में जमीनी विवाद में चले लाठी-डंडे फायरिंग एक गंभीर घायल गुजरात के खेड़ा जिले में नहाने गए छह भाई-बहन, एक-एक कर के लील गई नदी, गर्मी से राहत की जगह मिली मौत उज्जैन स्लीपर बस पलटी गर्भवती महिला सहित 9 घायल केंद्र सरकार कराऐगी जाति जनगणना PCC चीफ ने कहा, DGP का आदेश खाकी वर्दी का अपमान सांसद-विधायक को सैल्यूट करेगें पुलिस कर्मी, ये लोकतं... सीएम बोले- पाकिस्तानी नागरिकों को एमपी से जल्द बाहर करें: पुलिस अधिकारियों को अभियान चलाने के निर्दे... मंदसौर में तेज़ रफ़्तार कार कुऐ में गिरी 6 लोगों की मौत
मुख्य समाचार

महाराणा प्रताप के घोड़े की एक टांग हमेशा ऊपर क्यों रहती है।

आपने भी हमेशा देखा होगा परंतु ज्यादातर लोग ध्यान नहीं देते, दुनिया भर में महाराणा प्रताप की जितनी भी मूर्तियां है उन सब में घोड़े का एक पैर जमीन से ऊपर की तरफ होता है। कुछ लोग कह सकते हैं कि, महाराणा प्रताप युद्ध के लिए जा रहे हैं इसलिए घोड़े का एक पैर हवा में है परंतु यह तर्क सही नहीं है क्योंकि यदि ऐसा होता तो महाराणा प्रताप की कोई मूर्ति तो ऐसी होती जिसमें घोड़े के दोनों पैर ऊपर होते और हम कह पाते के महाराणा प्रताप मुगलों पर हमलावर हैं। आइए हम बताते हैं कि महाराणा प्रताप की मूर्ति में उनके घोड़े का एक पैर ऊपर क्यों होता है। योद्धाओं की मूर्तियों में घोड़े के पैर, कुछ विशेष प्रकार के संकेत देते हैं। यदि किसी महान योद्धा की मूर्ति में उसके घोड़े की एक टांग हवा में और दूसरी टांग जमीन पर है तो इसका मतलब यह है कि यह योद्धा रणभूमि में युद्ध के दौरान गंभीर रूप से घायल हो गया था और युद्ध के दौरान शरीर में लगे घाव के कारण इस योद्धा की मृत्यु हुई है। जबकि, यदि किसी मूर्ति में योद्धा के घोड़े की दोनों टांगें हवा में हैं तो इसका तात्पर्य होता है कि यह योद्धा रणभूमि में दुश्मन से युद्ध करते हुए शहीद हुआ था। यह एक ऐसा महान योद्धा है जिसने रणभूमि में प्राण त्यागे। कुछ योद्धाओं की मूर्ति में घोड़े के चारों पैर जमीन पर होते हैं। इसका तात्पर्य होता है कि इस योद्धा की मृत्यु ना तो युद्ध भूमि में हुई है और ना ही रणभूमि में घायल होने की वजह से हुई है बल्कि इस महान योद्धा की मृत्यु प्राकृतिक कारणों से हुई है। योद्धा ने सफलतम जीवन जिया और सामान्य मृत्यु को प्राप्त किया। महाराणा प्रताप के बारे में महत्वपूर्ण और रोचक जानकारियां महाराणा प्रताप का जन्म 9 मई 1540 को मेवाड़ में हुआ था। महाराणा प्रताप की उम्र उनके जन्मदिन के आधार पर कैलकुलेट कर सकते हैं। महाराणा प्रताप का पूरा नाम प्रताप सिंह सिसोदिया था और उन्हें बचपन में प्यार से कीका पुकारते थे। महाराणा प्रताप की हाइट 7.5 फीट थी। महाराणा प्रताप के भाले का वजन 80 किलो, दो तलवारों का भजन 208 किलो और उनके कवच का वजन 72 किलो था। महाराणा प्रताप की कुल 11 रानियां थी। अजाब्दे पंवार महारानी थी। महाराणा प्रताप के 17 बेटे और 5 बेटियां थी। महाराणा प्रताप ने राजनीतिक गठबंधन मजबूत करने के लिए कई विवाह किए थे। महाराणा प्रताप को भारतीय मुसलमानों का समर्थन प्राप्त था। हल्दीघाटी के युद्ध में हकीम खान सूरी ने महाराणा प्रताप के साथ मिलकर अकबर के खिलाफ युद्ध लड़ा था।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button