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जीवन मे सफल होने के लिए कृष्ण जैसा मित्र होना आवश्यक है:रामभूषण जी
(अशोक सिंह नरवरिया) गोरमी -विसधानसभा के ग्राम पंचायत मानहड़ मे चल रहीं श्रीमदभागवत कथा के आज अंतिम दिन कृष्ण ओर सुदामा की मित्रता का मनोहारी वर्णन कथा व्यास रामभूषण जी महाराज ने किया, श्री व्यास ने कहा की यदि हमें जीवन मे सफल होना है तो कोई कृष्ण जैसा मित्र बनालो भाव से पार हो जाओगे, उन्होंने कहा की सुदामा जी पर लाख मुसीवत पड़ी पर अपने मित्र के घर हाथ फैलाने कभी नहीं गये, किन्तु ईस्वर ने अपनी मित्रता का निभाते हुए उन्हें निहाल कर दिया, उन्होंने कहा मित्र वही है जो मित्र के काम आये,उन्होंने कहा की इस पर जोर देते हुए बाबा गोस्वामी तुलसीदास जी अपने पवित्र ग्रन्थ रामचरित मानस मे लिखा है,कि - "जे न मित्र दुख होये दुखारी, तिन्हे विलोकत पातक भारी " अथार्थ जो व्यक्ति अपने मित्र के दुख को देखकर दुखी नहीं होता उसको देखने मे भी पाप लगता है, *संत कृपाल सिंह जी मुख्य अतिथी के रूप मे रहे मौजूद* आज के इस पावन अबसर पर संत कृपाल सिंह जी मौजूद रहे, श्री संत ने कहा कि धन्यवाद मानहड़ कि तपो भूमि जहाँ यह भव्य आयोजन संपन्न हुआ, धन्य है रज्जन भैया जिनके सानिध्य मे कार्यक्रम सम्पन्न कराया हम आपको बता द्वारा कि भागवत मे वो शक्ति है जो पापो को नास करती इसके श्रवन मात्र से ही मुप्ति हो जाती है, आज मानहड़ का कण कण धन्य हो गया इस मधुर बेला पर राजेंद्र सिंह तोमर,प्रदीप गोयल, मनोज गुर्जर, विक्रांत कुशवाह, सुभास थापक, रणवीर परमार, अशोक नरवरिया,आशीष भदौरिया, रमन भदौरिया, राजेंद्र भदौरिया हरिओम शर्मा आदि मौजूद रहे
