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आत्मा कभी पैदा होती नही और नही जन्म लेती है-:उपाध्यायश्री विहसंत।
उपाध्याय श्री विहसंत सागर महाराज ससंघ का शिंदे के छावनी स्थित दिगंबर मुनिसुव्रतनाथ जैन मंदिर में आगमन हुआ। पत्रिका का विमोचन उपाध्याय श्री के सानिध्य में 25 अप्रैल को होने वाले जैन सिद्धक्षेत्र शांतिगिरी अमिगांव महा मस्तकाभिषेक कार्यक्रम की गई। 30 अप्रैल से घाटीगांव में होंगे पंचकल्याणक महोत्सव शुरू। ग्वालियर। जिस व्यक्ति ने समयसार ग्रँथ पढ़ा और सुना होगा, उस व्यक्ति के अंदर ताकत आ जाती है। जैसे व्यक्ति बीमार होने पर पर डॉक्टर सबसे पहले ट्रीटमेंट में ग्लूकोस की बोतल चढ़ाने के बाद आधा व एक घंटे के बाद तुरंत सही होकर खड़ा होकर वापस अपना काम करने लगता है उसी प्रकार व्यक्ति समयसार ग्रँथ पढ़ाने और सुने से उसके शरीर में अंर्तमन में ताकत पैदा होने के साथ हिम्मत बढ़ा जाती है। आत्मा कभी पैदा होती नही और नही जन्म लेती है। हर जीव के अंदर ज्ञान होता है एक इन्द्रिय से पांच इन्द्रिय जीव के अंदर ज्ञान होता है और ज्ञान कभी भी खत्म नही होता है। यह विचार राजकीय अतिथि मेडिटेशन गुरु उपाध्याय श्री विहसंत सागर महाराज ने आज गुरुवार को शिंदे की छावनी स्थित दिगंबर मुनिसुव्रतनाथ जैन मंदिर में धर्मसभा में संबोधित करते हुए व्यक्ति किए। मुनिश्री विश्वसाम्य सागर महाराज ने भी धर्मसभा को संबोधित किया। उपाध्यायश्री ने कहा कि देख भाल कर चलना। देख यानि सम्यक दर्शन, भाल यानि सम्यक ज्ञान और चलना यानि सम्यक चारित्र। जो व्यक्ति समयसार ग्रँथ का अध्ययन नही करेगा, देखे नही, जानेगा नहीं और अपने चारित्र में उतरेगा नही तो नियम कैसे चलेगा। देख भाल कर चलने का मतलब सम्यक दर्शन, ज्ञान और चारित्र की रक्षा करना है। उन्होंने कहा कि धर्म एक ऐसा रसायन है जिसके द्वारा अपनी जीवन रूपी प्रयोगशाला में अशुद्ध को शुद्ध किया जा सकता है। संसार में भटकन से बचना है तो कर्म रूपी बंधन को काटना पड़ेगा। संपूर्ण जैन दर्शन का सार जीव आदि सात तत्वों का ज्ञान है जिसके द्वारा हम कर्म बंधन को काटकर मोक्ष रूपी लक्ष्मी को प्राप्त कर सकते हैं। प्रवचनों से पहले उपाध्याय श्री ससंघ के चरणों मे मंदिर समिति के सुनील गोधा, निर्मल पाटनी, मायाराम जैन, संजय जैन, वीरेंद्र जैन, पवन जैन पत्रकार, राजेश लाला मित्र मंडलव मंजू पाटनी, सुषमा जैन, मनीषी जैन आदि ने श्रीफल भेंट कर मंगल आशीर्वाद लिया। *शान्तिगिरी महामस्तकभिषेक के साथ विजयश्री विधान एवं 30 अप्रैल से घाटीगांव भव्य पंचकल्याक महोत्सव होंगे।* जैन समाज के प्रवक्ता सचिन जैन ने बताया कि राजकीय अतिथि मेडिटेशन गुरु उपाध्याय श्री विहसंत सागर महाराज ओर मुनिश्री विश्वसाम्य सागर महाराज के मंगल सानिध्य में जैन अतिशय शान्तिगिरी अमीगांव कमेटी के पादधिकारियो में 25 अप्रैल को होने वाले कार्यक्रम की पत्रिका विमोचन किया। उपाध्याय श्री के सानिध्य में 25 अप्रेल को प्रातः 7 बजे से पनिहार स्थित जैन अतिशय शान्तिगिरी अमीगांव में जैन प्राचीन प्रतिमाओं का महामस्तकभिषेक के साथ 16 मंडलीय विजयश्री महामंडल विधान होगा। उसके बाद उपाध्यायश्री के सानिध्य में होने वाले 30 अप्रेल से 05 मई तक मज्जिनेन्द्र शांतिनाथ जिनबिम्ब पंचकल्याणक प्रतिष्ठा गजरथ महोत्सव एवं विश्वशांति महायज्ञ होगा। जिसकी तैयारिया जोरो से चल रही है। ।
