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श्योपुर कलेक्टर की पक्षपाती कार्रवाई बनी जिले में चर्चा का विषय।
(चेतन सिसौदिया) श्योपुर सूत्रों से मिली खबर के आधार पर कलेक्टर द्वारा कुछ माह पूर्व एक शिक्षक को जब निलंबित किया गया जिस समय वह शिक्षक अपने कैंसर पीडत पिता का इलाज कराने के लिए दिल्ली गया हुआ था सूत्रों की माने तो शिक्षक का निलंबन तत्काल किया गया जब शिक्षक को इलाज की लिए पैसों की अधिक आवश्यकता थी तब भी उसकी बहाली को रोका गया किसी भी अधिकारी द्वारा शिक्षक को सहानुभूति पूर्वक नहीं देखा गया दूसरी तरफ बड़े साहब के संरक्षण में सनय -सनय पनप रहे डीपीसी द्वारा संचालित जातिवादी शिक्षकों के ग्रुप में डीपीसी द्वारा तैयार किया गए दलाल द्वारा भ्रष्टाचार को आमंत्रित करने हेतु जिला शिक्षा केंद्र के न्यू सीएसी ग्रुप पर पोस्ट डाली गई जिसकी खबर शहर के प्रतिष्ठित समाचार पत्र में प्रकाशित होने के बाद मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्योपुर ने संज्ञान लिया और संबंधित शिक्षक की जांच जिला शिक्षा अधिकारी श्योपुर को सौंप दी गई जांच उपरांत जांच में दोषी पाए गए शिक्षक का निलंबन प्रस्ताव दिनांक 17 फरवरी 2023 को मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्योपुर द्वारा कलेक्टर को भेजा गया जिसको कलेक्टर श्योपुर द्वारा ठंडे बस्ते में डाल दिया गया और डाले भी क्यों ना निलंबन प्रस्ताव कलेक्टर के संरक्षण मैं डीपीसी द्वारा संचालित जाति विशेष वर्ग के समूह संचालन कर्ता एवं डीपीसी के दलाल का था जिसकी खबर पुन: समाचार पत्र में 7 मार्च 2023 को प्रकाशित की गई जिस पर कलेक्टर द्वारा 1 दिन पूर्व की तारीख में शिक्षक को निलंबित किया गया एवं निलंबन आदेश जिला शिक्षा अधिकारी श्योपुर द्वारा जारी किया गया शिक्षक का निलंबन अवधि में मुख्यालय कार्यालय खंड शिक्षा अधिकारी विजयपुर रखा गया जहां शिक्षक आज दिनांक तक उपस्थित नहीं हुआ, होता भी क्यों जिस का संरक्षण कलेक्टर कर रहा हो जिसको डीपीसी द्वारा अपने कार्यालय में अपनी सीट की के बराबर बैठाकर दलाली करवाई जा रही हो उसे किसका डर हो सकता है सूत्रों की माने तो उक्त शिक्षक का निलंबन से बहाली का प्रस्ताव जिला पंचायत से कार्यालय कलेक्टर भेज दिया गया है यहां पर गजब की बात यह है कि जिस जिला शिक्षा अधिकारी ने आदेश जारी किया उसे प्रस्ताव की खबर तक नहीं है निलंबन अवधि में मुख्यालय से गायब शिक्षक को आरोप आधार पत्र तक जारी नहीं किए गए बहाली का प्रस्ताव देने वाले मुख्य कार्यपालन अधिकारी क्या यह नहीं जानते कि आरोप आधार पत्र निलंबन से बहाली का एक अहम हिस्सा है यहां पर गौरतलब बात यह भी है कि जातिवादी शिक्षक ग्रुप का सरगना जिस विद्यालय में पदस्थ है वहा गांव के ग्रामीणों ने कलेक्टर को लिखित पंचनामा दिया है कि उक्त शिक्षक सुबह 8:30 बजे से शाम 4:00 बजे तक साला खोलकर पढ़ाता है जिससे गांव में शैक्षणिक स्तर बढ़ गया है पंचनामा पर ग्रामीणों के अलावा शाला में पदस्थ अन्य 3 शिक्षकों एवं आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एएनएम के साथ सरपंच सचिव के भी हस्ताक्शर है यहा दूसरा पहलू यह भी है कि उक्त शिक्षक ने एक आवेदन कलेक्टर को दिया है जिसमें जिला शिक्षा अधिकारी को दोषी ठहराया गया गया है वही आवेदन के साथ संलग्न कथन डीपीसी एवं जन शिक्षकों ने दिए हैं जिसमें जन शिक्षकों एवं डीपीसी ने बताया कि निलंबित शिक्षक द्वारा डीपीसी कार्यालय में अच्छा कार्य किया जा रहा है एवं वह हमारी समस्याओं को फोन पर ही निराकरण कर देते हैं कई जन शिक्षकों ने तो न्यायाधीश बन कर अपना फैसला सुनाते हुए बताया कि जिला शिक्षा अधिकारी ने जो कार्यवाही की है वह गलत है उक्त शिक्षक को निर्दोष होते हुए भी निलंबित कर दिया है यहां गौर करने वाली बात यह है कि उक्त शिक्षक के विद्यालय से डीपीसी कार्यालय की दूरी 15 किलोमीटर से अधिक है उक्त शिक्षक एक ही समय में सुबह 8:30 से 4:30 बजे दो स्थानों पर कैसे रह सकता है क्या ऐसा नहीं लगता कि यहां दो ग्रुप में (गांव वाले या डीपीसी एवं जन शिक्षक )में से कोई एक ग्रुप झूठ बोल रहा है जो जांच का विषय है क्या गांव वालों के समाज प्रेम से बू नही आ रही या फिर कलेक्टर समाज प्रेम के कारण कुछ देख नहीं पा रहे हैं या देख कर भी अंजान बने हुए हैं यह तो कलेक्टर श्योपुर ही बता सकते हैं इनका कहना :- परिचित जाटव आज दिनांक तक बी ई ओ कार्यालय में ज्वाइन होने नहीं आया है उसके द्वारा रास्ते में चलते हुए मुझे निलंबन आदेश दिया था उसके हस्ताक्षर भी कार्यालय में नहीं है अशोक डंडोतिया खंड शिक्षा अधिकारी विजयपुर बी ई ओ द्वारा मुझे लिखित में अवगत कराया गया है की आज दिनांक तक परिचित जाटव ज्वाइन होने बीईओ कार्यालय विजयपुर में उपस्थित नहीं हुए हैं उसकी बहाली की फाइल कहां से चल रही है यह मेरे संज्ञान में नहीं है सिर्फ निलंबन आदेश मेरे द्वारा जारी किया गया था। रविन्द्र सिंह तोमर जिला शिक्षा अधिकारी श्योपुर
