ब्रेकिंग
मुरैना के सबलगढ़ में जमीनी विवाद में चले लाठी-डंडे फायरिंग एक गंभीर घायल गुजरात के खेड़ा जिले में नहाने गए छह भाई-बहन, एक-एक कर के लील गई नदी, गर्मी से राहत की जगह मिली मौत उज्जैन स्लीपर बस पलटी गर्भवती महिला सहित 9 घायल केंद्र सरकार कराऐगी जाति जनगणना PCC चीफ ने कहा, DGP का आदेश खाकी वर्दी का अपमान सांसद-विधायक को सैल्यूट करेगें पुलिस कर्मी, ये लोकतं... सीएम बोले- पाकिस्तानी नागरिकों को एमपी से जल्द बाहर करें: पुलिस अधिकारियों को अभियान चलाने के निर्दे... मंदसौर में तेज़ रफ़्तार कार कुऐ में गिरी 6 लोगों की मौत केंद्र सरकार का एक और सख्त फैसला, पाकिस्तानी हिंदुओं की चारधाम यात्रा पर रोक कथावाचक पं. प्रदीप मिश्रा ने अमित शाह को बताया शिव अवतार, बयान पर मचा बवाल, कांग्रेस-बीजेपी आमने-साम... केंद्र सरकार का बड़ा ऐलान: पाकिस्तानी हिन्दु , सिखो का वीजा रद्द नहीं होगा
धार्मिक

होली की पूजा कैसे करें, जानिए संपूर्ण सामग्री और सही पूजन विधि

वर्ष 2023 में होलिका दहन (Holika Dahan) का पर्व 7 मार्च को मनाया जा रहा है और 8 मार्च को होली यानी धुलेंडी पर्व मनाया जाएगा। इस संबंध में मान्यता के अनुसार पूजन सामग्री के साथ होलिका के पास गोबर से बनी ढाल भी रखी जाती है। होलिका दहन के शुभ मुहूर्त के समय 4 मालाएं अलग से रख ली जाती हैं। इसमें एक माला पितरों के नाम की, दूसरी श्री हनुमान जी के लिए, तीसरी शीतला माता और चौथी घर परिवार के नाम की रखी जाती है।

इसके पश्चात पूरी श्रद्धा से होली के चारों और परिक्रमा करते हुए सूत के धागे को लपेटा जाता है। होलिका की परिक्रमा 3 या 7 बार की जाती है। इसके बाद शुद्ध जल सहित अन्य पूजा सामग्रियों को एक-एक कर होलिका को अर्पित किया जाता है। फिर अग्नि प्रज्वलित करने से पूर्व जल से अर्घ्य दिया जाता है। होलिका दहन के समय मौजूद सभी पुरुषों को रोली का तिलक लगाया जाता है।

कहते हैं, होलिका दहन के बाद जली हुई राख को अगले दिन प्रात:काल घर में लाना शुभ रहता है। अनेक स्थानों पर होलिका की भस्म का शरीर पर लेप भी किया जाता है। इस होली पर कैसे करें पूजा और क्या-क्या सामग्री एकत्रित करें, जानिए यहां… हम आपको बताते हैं होलिका दहन के पूजन की सबसे सरल और प्रामाणिक विधि और पूजन सामग्री की सूची-

पूजन सामग्री सूची-Holika Dahan Pujan Samgari List

प्रहलाद की प्रतिमा,

गोबर से बनी होलिका,

5 या 7 प्रकार के अनाज (जैसे नए गेहूं और अन्य फसलों की बालियां या सप्तधान्य- गेहूं, उड़द, मूंग, चना, जौ, चावल और मसूर)

1 माला, और 4 मालाएं (अलग से)

रोली,

फूल,

कच्चा सूत,

साबुत हल्दी,

मूंग,

बताशे,

गुलाल,

मीठे पकवान,

मिठाइयां,

फल,

गोबर की ढाल

बड़ी-फुलौरी,

एक कलश जल,

होलिका दहन पूजन विधि-Holika Dahan Puja Vidhi

– सबसे पहले होलिका पूजन के लिए पूर्व या उत्तर की ओर अपना मुख करके बैठें।

– अब अपने आस-पास पानी की बूंदें छिड़कें।

– गोबर से होलिका और प्रहलाद की प्रतिमाएं बनाएं।

– थाली में रोली, कच्चा सूत, चावल, फूल, साबुत हल्दी, बताशे, फल और एक कलश पानी रखें।

– नरसिंह भगवान का स्मरण करते हुए प्रतिमाओं पर रोली, मौली, चावल, बताशे और फूल अर्पित करें।

– अब सभी सामान लेकर होलिका दहन वाले स्थान पर ले जाएं।

– अग्नि जलाने से पहले अपना नाम, पिता का नाम और गोत्र का नाम लेते हुए अक्षत (चावल) में उठाएं और भगवान श्री गणेश का स्मरण कर होलिका पर अक्षत अर्पण करें।

– इसके बाद प्रहलाद का नाम लें और फूल चढ़ाएं।

– भगवान नरसिंह का नाम लेते हुए पांच अनाज चढ़ाएं।

– अब दोनों हाथ जोड़कर अक्षत, हल्दी और फूल चढ़ाएं।

– कच्चा सूत हाथ में लेकर होलिका पर लपेटते हुए परिक्रमा करें।

– आखिर में गुलाल डालकर चांदी या तांबे के कलश से जल चढ़ाएं।

– होलिका दहन के समय मौजूद सभी को रोली का तिलक लगाएं और शुभकामनाएं दें।

Related Articles

Back to top button