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मध्यप्रदेश के खरगौन के 110 वर्षीय सियाराम बाबा जिन्होंने 10 सालों तक खड़े रहकर किया तप और 12 साल तक रहे मौन।

खरगौन। इतिहास गवाह है कि भारतीय संतों ने योग और ध्यान के बल पर पूरे विश्व को चौंकाने का काम किया है. साथ ही कठीन साधना के जरिये इंद्रियों पर संयम रखने और शरीर को हर मौसम के अनुकूल बनाकर भी सब को हैरान किया है. यही वजह है कि योग और अध्यात्म के मामले में भारत का स्थान शीर्ष पर है. वहीं, योग की बारीकियों को जानने व सीखने के लिए विश्व के कोने-कोने से लोगों का भारत आगमन होता रहता है. इसी क्रम में हम आपको मध्य प्रदेश के एक ऐसे संत के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनकी एक झलक पाने के लिए न सिर्फ़ देश बल्कि विदेशों से भी भक्तों का आगमन होता है. हम बात करने जा रहे हैं सियाराम बाबा की. आइये, सियाराम बाबा के बारे में कुछ दिलचस्प और हैरान कर देने वाली बातें जानते हैं. मध्य प्रदेश के खरगोन ज़िले के नर्मदा तट पर स्थित भट्याण आश्रम के संत श्री हैं. बाबा की बाबा भगवान हनुमान के परम भक्त हैं और आपको निरंतर राम चरित्रमानस का पाठ करते मिल जाएंगे. ऐसा माना जाता है कि सियाराम बाबा का जन्म महारष्ट्र के मुंबई में हुआ था और उन्होंने 7-8वीं क्लास तक पढ़ाई भी की वहीं, किसी संत के संपर्क में आने के बाद उनके अंदर वैराग्य धारण करने का विचार आया और उन्होंने घर त्याग दिया और तप करने हिमालय चले गए. हालांकि, उनके बाद का जीवन काफ़ी रहस्यमयी है और इस बारे में शायद ही किसी के पास जानकारी हो. दान में लेते हैं सिर्फ़ 10 रुपए ख़ास बात ये है कि वो दान में सिर्फ़ 10 रुपए ही लेते हैं. अगर कोई 10 रुपए से ज्यादा उन्हें दान दे, तो वो बाकी पैसे उन्हें लौटा देते हैं. कहते हैं कि एक बार अर्जेंटीना व ऑस्ट्रिया के कुछ लोग बाबा के दर्शन करने के लिए उनके आश्रम गए और उन्होंने 500 रुपए बाबा को दान में दिये, लेकिन बाबा ने 10 रुपए लेकर बाकी पैसे उन्हें लौटा दिये. धार्मिक कार्यों में खर्च करते हैं सभी रूपये

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