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मध्य प्रदेश के छह हजार सरकारी स्कूलों में शिक्षक नहीं, कैसे होगी पढ़ाई ?

मध्य प्रदेश के 39 हजार स्कूलों में अतिशेष शिक्षक खाली बैठे, इधर ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूल हो गए शिक्षक विहीन  मध्य प्रदेश के सरकारी स्कूलों का हाल-बेहाल है दो बार हुए आनलाइन स्थानांतरण के कारण शिक्षकों ने मनचाही जगहों पर तबादले करा लिए इससे ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूल खाली हो गए, वहीं शहरी क्षेत्रों के स्कूलों में शिक्षकों की भरमार हो गई है हाल ही में स्कूल शिक्षा विभाग ने अतिशेष शिक्षकों की सूची जारी की है। इसमें यह खुलासा हुआ है कि प्रदेश में 74 हजार सरकारी स्कूलों में से छह हजार स्कूलों में एक भी शिक्षक नहीं है। वहीं साढ़े 10 हजार स्कूल एक शिक्षक के भरोसे संचालित हो रहे हैं। ऐसी स्थिति इसलिए बन रही है, क्योंकि पिछले दो बार हुए आनलाइन तबादलों में बड़ी संख्या में शहरी क्षेत्रों की ओर शिक्षकों का स्थानांतरण होने से अतिशेष शिक्षकों की संख्या बढ़ गई। ऐसे में प्रदेश के करीब 39 हजार स्कूलों में अतिशेष शिक्षक खाली बैठे हैं और ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूल शिक्षक विहीन हो गए हैं। भोपाल जिले में 1159 अतिशेष शिक्षक भोपाल जिले के 859 स्कूलों में 5537 शिक्षकों के स्वीकृत पदों में से 5163 शिक्षक कार्यरत हैं वहीं, 1159 अतिशेष शिक्षक हैं इसमें करीब नौ ऐसे स्कूल हैं, जहां एक भी शिक्षक नहीं है वहीं, 41 स्कूल एक शिक्षक के भरोसे संचालित हो रहे हैं। इस नीति से स्थानांतरण होंगे स्थानांतरण नीति में उल्लेख है कि स्कूलों में अतिशेष होने की स्थिति में विषयमान और पदस्थापना दिनांक के आधार पर वरिष्ठ शिक्षक अतिशेष की श्रेणी में माने जाएंगे। इन्हें अतिशेष मानते हुए पहले हटाया जाएगा। इस नीति का शिक्षक संगठन विरोध कर रहे हैं। शिक्षक संगठन का कहना है कि जो बाद में शिक्षक आए हैं, उन्हें अतिशेष माना जाए। अतिशेष शिक्षकों की सूची इसलिए जारी की गई है, ताकि उन्हें समायोजित किया जा सके। स्थानांतरण नीति के अनुसार उन्हें हटाया जाएगा। जहां शहरी क्षेत्रों के स्कूलों में शिक्षकों की भरमार हो गई है। वहीं, ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूल खाली हो गए हैं। इसे ठीक किया जाएगा। - अभय वर्मा, आयुक्त, लोक शिक्षण संचालनालय

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