ठंड से कांपे लोग, अभी राहत की उम्मीद नहीं…शुक्रवार रहा सीजन का सबसे ठंडा दिन, इलाके में नहीं जल रहे अलाव

सिद्धार्थनगर। इटवा में एक सप्ताह से कड़ाके की ठंड हो रही है। इससे लोग परेशान हैं। शुक्रवार का दिन इस सीजन का सबसे ठंडा दिन रहा। अधिकतम और रात के न्यूनतम तापमान में गिरावट से लोगों को गलन का अहसास होता रहा।
कोहरा एवं शीत दिवस की स्थिति अगले दो दिनों तक इसी प्रकार बने रहने की संभावना है। न्यूनतम तापमान में भी और गिरावट आने की उम्मीद है। ठंड से बचाव की दिशा में प्रशासन का रवैया लगातार उदासीन बना हुआ है। ग्रामीण क्षेत्र की बात क्या करें, निकाय क्षेत्र के अलाव बुझे हुए हैं, वहीं जनमानस कड़ाके की ठंड से ठिठुर रहा है।
घरों में दुबके लोग
आज पारा इस प्रकार गिरा कि अधिकतम तापमान 10.8 और न्यूनतम तापमान 8.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। अंतराल दो डिग्री से भी कम रहा। कोहरे के बीच बर्फीली हवाओं से ठंड ऐसी कि लोग घराें में दुबके रहे। लोग घरों के बाहर निकले जिन्हें बहुत जरूरी हुआ। बाजार की चहल पहल गायब रही। लोग घरों में दुबके रहे। ठुंड से बचाव की दिशा में प्रशासन की ओर से उठाया गया कदम ऊंट के मुंह में जीरा वाली कहावत को चरितार्थ कर रहा है।
न्यनूतम तापमान में और आएगी गिरावट
राज्य कृषि मौसम केंद्र के प्रभारी अतुल कुमार सिंह ने कहा कि इस सीजन का सबसे ठंडा दिन आज का रहा। अगले दो दिनों में न्यूनतम तापमान में और गिरावट आने की संभावना है। अधिकतम और न्यूनतम तापमान में दो डिग्री से भी कम अंतराल रहने से ठंड में बढ़ोत्तरी हुई है। अभी ठंड से राहत मिलने की कोई उम्मीद नहीं है। कोहरे एवं शीत दिवस की स्थिति भी बनी रहेगी।
अस्पताल का भी बुझ गया अलाव
ठंड से बचाव की दिशा में जरूरी व्यवस्था करने का प्रशासन का दावा हवा-हवाई साबित हो रहा है। ग्रामीण क्षेत्र में कागज में अलाव जल रहे हैं तो इटवा में चिंहित एक दर्जन स्थानों में अधिकांश स्थानों पर अलाव बुझे हैं। सीएचसी इटवा में अलाव बुझने स्वास्थ्य कर्मियों, मरीजों व तीमारदारों को परेशान होना पड़ रहा है।