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मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने जिस अधिकारी को मंच से किया था निलंबित, उस आदेश पर कोर्ट ने लगाई रोक।
ग्वालियर। हाई कोर्ट की एकल पीठ ने उस सांख्यिकी अधिकारी के निलंबन पर रोक लगा दी, जिसे विदिशा में सभा के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंच से निलंबित किया था। कोर्ट ने नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। याचिका की सुनवाई दो फरवरी को संभावित है। छह दिसंबर 2022 को विदिशा में समरसता सम्मेलन का आयोजन किया गया था। इस सम्मेलन की सभा में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने मंच से जिला योजना व सांख्यिकी अधिकारी महेंद्र कुमार नवैया को निलंबित कर दिया था। इस निलंबन के आदेश को नवैया ने हाईकोर्ट में चुनौती दी। उनकी ओर से तर्क दिया गया कि निलंबन के लिए ठोस आधार नहीं बताया। सिर्फ यह कहते हुए निलंबित किया है कि काम में देर करते हैं। कौनसा काम देर से किया है, इसका कोई उल्लेख नहीं है। निलंबन के पीछे निर्माण कार्यों में देरी का भी हवाला दिया गया, लेकिन नवैया एक साल पहले ही स्थानांतरण होने के बाद जिले में पहुंचे थे। जो व्यक्ति एक साल पहले ही आया है, उसकी वजह से कैसे निर्माण कार्य देर से हो सकते हैं। कोर्ट ने याचिकाकर्ता का पक्ष सुनने के बाद निलंबन पर रोक लगा दी। बजट का खाली कालम देख महापौर ने जताई आपत्ति वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए नगर निगम का बजट तैयार करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। निगम बजट की पहली बैठक बुधवार को बाल भवन के टीएलसी सभागार में हुई। इसमें राजस्व मद को लेकर चर्चा की गई। बैठक के दौरान बजट के प्रेजेंटेशन में कुछ स्थानों पर खाली कालम देखकर महापौर ने आपत्ति जताई और निर्देश दिए कि इन्हें पूरी तरह भरकर आगामी बैठकों में लाया जाए। बैठक के दौरान निगम के राजस्व को बढ़ाने को लेकर भी चर्चा की गई।
