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ग्वालियर। देश का ख्याति प्राप्त 117 साल पुराने मध्य प्रदेश के ग्वालियर व्यापार मेले पर एक बार फिर कोरोना का संकट मंडराने लगा है। हालात यह है की कोरोना के चलते होने वाले व्यावसायिक नुकसान से बचने मेला शुरू होने से पहले ही लोग उससे दूरी बनाने लगे है, ग्वालियर व्यापार मेला प्राधिकरण के पास पार्किंग ठेकेदार ने टेंडर खत्म करने की बात कही हैं । ठेकेदार ने प्राधिकरण को दिए आवेदन पत्र में साफ कहा है कि बीते साल भी कोरोना के चलते उसे लाखो का नुकसान हुआ था, जिसकी जमा राशि आज तक उसे वापस नही मिल पाई है, जबकि इस बार भी कोरोना की आशंका को देखते हुए सरकार ने एडवाइजरी जारी कर दी है,ऐसे में जब कोई वाहन पार्क करने वाला आएगा ही नही तो पार्किंग ठेके से फिर से होने वाले लाखो के नुकसान को अब बर्दाश्त करना सम्भव नही है। ठेकेदार का यह ही कहना है कि बीते साल कोरोना की स्तिथि को देखते हुए इस साल प्राधिकरण ने टेंडर शर्तों में भी बदलाव कर दिया है,जिसमे एक बिंदु में यह साफ कहा गया है कि यदि किसी स्तिथि में मेले को बीच में ही बन्द, निरस्त या रोकना पड़ा तो उस स्तिथि में पार्किंग ठेके की जमा राशि वापस नही की जायेगी। कोई भी हर्जाना नही दिया जाएगा, यही कारण है कि अभी वर्क ऑर्डर नही लिया है, लिहाजा टेंडर की राशि वापस करते हुए टेंडर खत्म माना जाए । इस घटनाक्रम पर ग्वालियर व्यापार मेला प्राधिकरण के सचिव निरंजन श्रीवास्तव का कहना है कि कोरोना को लेकर मेले में सभी एतिहात बरते जाएंगे,जिससे मेला सुचारू से चल सकेगा, पार्किंग ठेकेदार को जो भी परेशानी है, उसे दूर किया जाएगा। गौरतलब है कि ठेकेदार को कोरोना के चलते बीते साल बीच समय में ही मेला निरस्त किये जाने से 27 लाख का नुकसान हुआ था, साथ ही जमा राशि भी प्राधिकरण ने वापस नही की, जबकि इस बार 60 लाख का ठेका हुआ है, और 33 लाख से अधिक की राशि को जमा कराया गया है। यही कारण है कि टेंडर शर्तो में हुए बदलाव और अचानक कोरोना के साये से मेले पर मंडरा रहे खतरे को देखते हुए, पार्किंग ठेका निरस्त करने की गुहार लगाई है।
