ब्रेकिंग
केंद्र सरकार कराऐगी जाति जनगणना PCC चीफ ने कहा, DGP का आदेश खाकी वर्दी का अपमान सांसद-विधायक को सैल्यूट करेगें पुलिस कर्मी, ये लोकतं... सीएम बोले- पाकिस्तानी नागरिकों को एमपी से जल्द बाहर करें: पुलिस अधिकारियों को अभियान चलाने के निर्दे... मंदसौर में तेज़ रफ़्तार कार कुऐ में गिरी 6 लोगों की मौत केंद्र सरकार का एक और सख्त फैसला, पाकिस्तानी हिंदुओं की चारधाम यात्रा पर रोक कथावाचक पं. प्रदीप मिश्रा ने अमित शाह को बताया शिव अवतार, बयान पर मचा बवाल, कांग्रेस-बीजेपी आमने-साम... केंद्र सरकार का बड़ा ऐलान: पाकिस्तानी हिन्दु , सिखो का वीजा रद्द नहीं होगा नवविवाहिता के साथ रेप कर हत्या, कमरे में निवस्त्र मिली लाश, जेठ पर आरोप कमरे में निवस्त्र मिली लाश,... पहलगाम हमले के बाद अमरनाथ यात्रा पर खतरा मंडराया, सुप्रीम कोर्ट में पीआईएल दाखिल मध्यप्रदेश में एक मई से होगे ट्रांसफर मुख्यमंत्री ने शिक्षण सत्र खत्म होने के बाद बताया तबादलों का क...
हरियाणा

हरियाणा में भारत जोड़ो यात्रा का आज दूसरा दिन, गांधीग्राम घासेड़ा पहुंचेंगे राहुल गांधी

यात्रा के पहले दिन सैनिकों के मिलने के बाद आज राहुल हरियाणा के किसानों से मुलाकात करेंगे। जहां कल केंद्र सरकार ने कोरोना का खतरा देखते हुए यात्रा रोकने की अपील की थी लेकिन राहुल गांधी ने देर रात की सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए इशारों में साफ किया कि उनकी यात्रा नहीं रुकेगी

बता दें कि कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के पहले दिन बुधवार को हरियाणा में प्रवेश करने पर कांग्रेस पार्टी के नेता राहुल गांधी ने भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा था कि आज लड़ाई दो विचारधाराओं के बीच है, एक जो कुछ चुनिंदा लोगों को फायदा पहुंचाती है, जबकि ‘दूसरी अन्य लोगों, किसानों और मजदूरों की आवाज उठाती है। यात्रा राजस्थान से हरियाणा पहुंची है। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, वरिष्ठ नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला, दीपेंद्र सिंह हुड्डा, पार्टी के प्रदेश प्रमुख उदय भान सहित अन्य वरिष्ठ नेताओं ने यात्रा का राज्य में स्वागत किया था।

यात्रा के पहले दिन राहुल गांधी ने यह भी कहा था कि मैं भारत जोड़ो यात्रा के जरिए नफरत के बाजार में प्यार की दुकान खोल रहा हूं। जब ये लोग देश में जाकर नफरत फैलाते हैं, तब हमारी विचारधारा वाले लोग बाहर निकलकर प्यार व स्नेह बांटते हैं। उन्होंने कहा कि यह कोई नई लड़ाई नहीं है, यह मत सोचिए कि यह लड़ाई आज की है या 21वीं सदी की है। यह लड़ाई हजारों साल पुरानी है। एक विचारधारा जो कुछ चुनिंदा लोगों को फायदा पहुंचाती है, जबकि दूसरी लोगों, किसानों, गरीबों और मजदूरों की आवाज उठाती है।

Related Articles

Back to top button