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मध्‍य प्रदेश में कर्मचारियों की पुरानी पेंशन नहीं होगी बहाल, सरकार ने विधानसभा में दिया जवाब।

भोपाल  प्रदेश में कर्मचारियों के विभिन्न् संगठन पुरानी पेंशन बहाली की मांग कर रहे हैं पर सरकार इस पर कोई विचार नहीं कर रही है विधानसभा में तीन अलग-अलग प्रश्नों के उत्तर में वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने स्पष्ट किया है कि ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। एक जनवरी 2005 के बाद नियुक्त कर्मचारियों के लिए राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली लागू है। इसी तरह पेंशनर की महंगाई राहत में वृद्धि के लिए छत्तीसगढ़ की सहमति प्राप्त करने की अनिवार्यता को समाप्त करने के संबंध में भी कोई प्रस्ताव नहीं है। नई पेंशन योजना में प्रदेश के चार लाख 83 हजार 332 कर्मचारी आते हैं। कांग्रेस के सुरेश राजे, प्रताप ग्रेवाल और भाजपा विधायक दिनेश राय मुनमुन ने वित्त विभाग से पुरानी पेंशन व्यवस्था को लागू करने के संबंध में प्रश्न किए थे इसके लिखित उत्तर में वित्त मंत्री ने बताया कि ऐसेा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। सरकार तथ्यों का उचित विश्लेषण करके निर्णय लेती है। पुरानी पेंशन को लेकर कोई प्रस्ताव कैबिनेट में नहीं रखा गया है। वहीं, पेंशनर की महंगाई राहत को लेकर मुरली मोरवाल द्वारा पूछे प्रश्न के उत्तर में बताया गया कि महंगाई राहत और महंगाई भत्ते में कोई तुलना नहीं की जा सकती है। आशा कार्यकताओं के वेतनवृद्धि के संबंध में अजय कुमार टंडर के प्रश्न पर बताया गया कि 2018 से आशा कार्यकर्ता आंदोलन कर वेतनवृद्धि की मांग कर रहे हैं लेकिन इन मांगों पर कोई विचार नहीं है। कोई प्रस्ताव भी शासन स्तर पर विचाराधीन नहीं है।

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