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श्योपुर जिले का अनोखा मामला जब्त ट्रॉली को बदलवाने के आरोपी थानेदार को सौंपी देहात थाने की कमान।
श्योपुर राष्ट्रीय चंबल अभयारण्य विभाग की टीम ने दो साल पहले रेत परिवहन कर रही ट्राली जब्त कर ढोढर थाने में रखवाई थी। यहां रेत से भरी नई ट्रॉली के बदले में जंग लगी जीर्णशीर्ण ट्रॉली रख दी थी। यह ट्राली बदलने के आरोप स्थानीय थानेदार पर लगे थे। आरोपी थानेदार को एसपी आलोक कुमार सिंह ने उपकृत किया। रविवार देर रात थाना प्रभारी को जिले के सबसे बड़े देहात थाने की कमान सौंप दी। राष्ट्रीय चंबल अभयारण्य विभाग के पूर्व गेम रेंज ऑफिसर आरआर अटल ने अपनी टीम के साथ 2 साल रेत से भरी हुई एक ट्रॉली जब्त की थी। इसे सुरक्षा के लिए ढोढर थाने में रखवाया था। जब्त की गई ट्रॉली बिल्कुल नई थी, उस पर नीले रंग का पेंट था। ढोढर थाने से रेत माफिया से सांठगांठ कर ट्राली रेत माफिया को देकर, उसकी जगह जंग लगी हुई जर्जर ट्रॉली को रखवा दिया। इस मामले में तत्कालीन गेमरेंज ऑफिसर आरआर अटल ने थाना प्रभारी राहुल रघुवंशी पर 50 हजार रुपए लेकर नई ट्रॉली को पुरानी से बदलने के आरोप लगाए। इसके बाद एसपी आलोक कुमार सिंह ने मामले की जांच के निर्देश दिए, लेकिन जांच अधिकारियों ने आरोपी थाना प्रभारी को क्लीन चिट दे दी। इसके बाद एसपी ने थाना प्रभारी को ढोढर थाने से सबसे बड़े देहात थाने का थानेदार बनाया है। जांच शुरू होने के चार दिन पहले यह टॉली बाजार में रेत ढो रही थी। जांच शुरू होने के चार दिन पहले यह टॉली बाजार में रेत ढो रही थी। जांच शुरू होने से 4 दिन पहले तक किया रेत परिवहन मामले की जांच में के आदेश होने के बाद थाना परिसर में जिस ट्रॉली को रखवाया गया है, वह 4 दिन पहले तक ढोढर इलाके में अवैध रेत परिवहन कर रही थी। ट्राली को नीले रंग के स्वराज ट्रैक्टर में लगाकर रेत ढोई जा रही थी। मामले की जांच करने पहुंचे अधिकारियों को यही ट्राली थाने में भूरे रंग की खड़ी कर दिखाई गई। राष्ट्रीय चंबल अभयारण्य विभाग की टीम ने जो ट्राली जब्त की थी वह नीले रंग की थी। मामले की जांच करने पहुंचे अधिकारियों को यही ट्राली थाने में भूरे रंग की खड़ी कर दिखाई गई। राष्ट्रीय चंबल अभयारण्य विभाग की टीम ने जो ट्राली जब्त की थी वह नीले रंग की थी। नीले रंग की ट्राली जब्त की लाल की जांच कराई ढोढर पुलिस थाने से ट्राली बदलने के मामले की जांच श्योपुर के एसडीओपी राजू रजक ने की थी। उन्होंने जब्त की गई ट्राली और थाने में रखी ट्रॉली के रंग को भी नहीं देखा। ट्राली जब जब्त की थी वह नीले रंग की थी। उस पर पीले रंग की लाइनिंग थी। जांच के समय भूरे रंग की ट्राली दिखाई गई। जांच अधिकारी ने अंतर महसूस नहीं हुआ। थाने में कुछ दिन बाद नई ट्राली की जगह इस जंग लगी ट्राली को खड़ा कर दिया था। मामले की शिकायत होने के बाद इसे हटाया गया है। थाने में कुछ दिन बाद नई ट्राली की जगह इस जंग लगी ट्राली को खड़ा कर दिया था। मामले की शिकायत होने के बाद इसे हटाया गया है।
