ब्रेकिंग
मुरैना के सबलगढ़ में जमीनी विवाद में चले लाठी-डंडे फायरिंग एक गंभीर घायल गुजरात के खेड़ा जिले में नहाने गए छह भाई-बहन, एक-एक कर के लील गई नदी, गर्मी से राहत की जगह मिली मौत उज्जैन स्लीपर बस पलटी गर्भवती महिला सहित 9 घायल केंद्र सरकार कराऐगी जाति जनगणना PCC चीफ ने कहा, DGP का आदेश खाकी वर्दी का अपमान सांसद-विधायक को सैल्यूट करेगें पुलिस कर्मी, ये लोकतं... सीएम बोले- पाकिस्तानी नागरिकों को एमपी से जल्द बाहर करें: पुलिस अधिकारियों को अभियान चलाने के निर्दे... मंदसौर में तेज़ रफ़्तार कार कुऐ में गिरी 6 लोगों की मौत केंद्र सरकार का एक और सख्त फैसला, पाकिस्तानी हिंदुओं की चारधाम यात्रा पर रोक कथावाचक पं. प्रदीप मिश्रा ने अमित शाह को बताया शिव अवतार, बयान पर मचा बवाल, कांग्रेस-बीजेपी आमने-साम... केंद्र सरकार का बड़ा ऐलान: पाकिस्तानी हिन्दु , सिखो का वीजा रद्द नहीं होगा
दिल्ली NCR

जबरन धर्मांतरण के खिलाफ याचिका पर अदालत में सुनवाई नौ जनवरी तक टली

नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को उस याचिका पर सुनवाई नौ जनवरी तक के लिए स्थगित कर दी, जिसमें केंद्र और राज्यों को “धमकी देकर, डराकर, धोखे से लालच और आर्थिक लाभ देकर धर्मांतरण को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने का निर्देश देने की मांग की गई है।” सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता के उपलब्ध नहीं होने के कारण न्यायमूर्ति एम आर शाह और न्यायमूर्ति एस. रविंद्र भट्ट की पीठ ने मामले पर सुनवाई टाल दी।

संक्षिप्त सुनवाई के दौरान, एक पक्ष की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे ने मामले में पक्षकार बनने की मांग की और कहा कि धर्मों के खिलाफ कुछ बहुत ही गंभीर और घृणित आरोप हैं। दवे ने कहा, “कृपया हमें पक्षकार बनने की अनुमति दें। आरोप वास्तव में दुखद हैं। आज आप इस पर विचार कर सकते हैं।”

पीठ ने हालांकि कहा कि वह मामले की सुनवाई की अगली तारीख पर विचार करेगी। दान के उद्देश्य पर जोर देते हुए, शीर्ष अदालत ने पहले पुष्टि की थी कि जबरन धर्म परिवर्तन एक “गंभीर मुद्दा” है और संविधान के खिलाफ है। अदालत वकील अश्विनी कुमार उपाध्याय द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें फर्जी धर्म परिवर्तन को नियंत्रित करने के लिए केंद्र और राज्यों को कड़े कदम उठाने का निर्देश देने की मांग की गई है।

Related Articles

Back to top button