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मुरैना वन विभाग के अमले पर हमले का मामला:DFO ने किया खुलासा।
मुरैना वन विभाग टीम पर हमला रेंजर ने टेंटरा थाना प्रभारी से फोर्स भेजने को कहा लेकिन उन्होंने साफ इंकार कर दिया। बाद में हमने जब एसपी से निवेदन किया तो उन्होंने पुलिस भेजी, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी, हमारे कर्मचारियों पर हमला किया जा चुका था। पुलिस ने आने में काफी देर कर दी। इस बात का खुलासा मुरैना वन विभाग के DFO स्वरुप दीक्षित ने किया है। बता दें, कि वन विभाग के अमले पर माफिया ने उस समय हमला बोल दिया जब विभाग का फोर्स चंबल के बरेठा घाट पर दबिश देने गया तथा मौके पर मौजूद माफिया का रेत भरने का लोडर जब्त कर लिया। लाखों रुपए का लोडर जब्त होते ही माफिया के लोग वन अमले पर हावी हो गए तथा उन्होंने फायरिंग करना शुरु कर दी। इसके बाद उन्होंने वन अमले के अधिकारियों व वनरक्षकों पर पत्थर फैंकने शुरु कर दिए जिससे वन विभाग की तीन गाड़ियों के कांच टूट गए तथा वनरक्षक घायल हो गए। लोडर जिसे वन अमले ने माफिया के कब्जे से किया जब्त लोडर जिसे वन अमले ने माफिया के कब्जे से किया जब्त योजनाबद्ध तरीके से मारा छापा वन विभाग के अमला पहले जब भी कार्रवाई करने जाता तो माफिया के लोग वहां से भाग जाते थे। इस पर वन विभाग के अधिकारियों को पूरा शक था कि पुलिस मिली हुई है तथा पहले ही सूचना कर देती है। लिहाजा उन्होंने इस बार बिना पुलिस को सूचना दिए रात में बरेठा घाट पर छापा मारा तो वहां चंबल के अवैध रेत का खनन होते पाया तथा मौके पर एक बड़ा लोडर भी जब्त कर लिया जिससे ट्रेक्टर ट्रालियों में रेत भरा जा रहा था। लाखों रुपए का लोडर जब्त करते ही माफिया के लोग बिफर गए तथा उन्होंने वन अमले पर फायरिंग व पथराव शुरु कर दिया। मौके पर मौजूद वन विभाग का अमला मौके पर मौजूद वन विभाग का अमला टेंटरा थाना प्रभारी वन अमले के साथ कर चुके बदसलूकी इस घटना के लगभग 15 दिन पहले टेंटरा थाना प्रभारी जयवीर भदौरिया वन अमले के साथ बदसलूकी कर चुके हैं। घटना यह थी कि वन विभाग के अमले ने टेंटरा थाने से कुछ दूरी पर एक ट्रेक्टर ट्राली को चंबल के अवैध रेत ले जाते पाया तथा उसे मौके पर ही जब्त कर लिया। वन आरक्षक अभिषेक दण्डौतिया ने पंचनामे में बताया कि 20 नवंबर 2022 की रात वन अमला प्रभारी चिंरौजी लाल(उपवन क्षेत्रपाल) के नेतृत्व में वन आरक्षक धर्म सिंह गुर्जर, माखन सिंह धाकड़, नरेन्द्र कुमार निगोलिया, दिनेश कुमार शर्मा, वीर सिंह जाटव, आकाश शर्मा, अनिल कुमार चौबे, राहुल सिकरवार व स्वयं अभिषेक दण्डौतिया अवैध रेत उत्खनन के खिलाफ गश्ती कर रहे थे। उसी दौरान टेंटरा पुलिस थाने के पास चंबल के अवैध रेत से भरी एक ट्रेक्टर ट्राली खड़ी थी। ट्रेक्टर आयशर कंपनी का 485 सिल्वर रंग का था। उस पर इंजन नंबर-528527219059 तथा चेसिस नंबर-328311553924 अंकित था। उस पर पंजीयन नंबर अंकित नहीं था। उसकी दो पहिया की ट्राली में चंबल का अवैध रेत भरा था। वन अमले ने उस ट्रेक्टर ट्राली को पकड़ कर जब्त कर लिया था। उसी दौरान टेंटरा थाना प्रभारी जयदीप भदौरिया अपने स्टाफ के साथ मौके पर पहुंचे और कहने लगे कि इस ट्रेक्टर ट्राली को उन्होंने पकड़ा है। इस पर उनके (अभिषेक दण्डौतिया) द्वारा जब वन संरक्षण अधिनियम की धाराओं का हवाला देते हुए ट्रेक्टर चालक के खिलाफ कार्रवाही करने की बात कही गई तो थाना प्रभारी ने वहां मौजूद एक आरक्षक से कहा कि इसे पकड़ कर अन्दर कर दो। वह आरक्षक उन्हें लेकर थाने में गया और लाकअप में बंद कर दिया तथा इसके साथ ही उसके गाल पर चांटा मारा। थाना प्रभारी जयदीप सिंह भदौरिया उस समय शराब के नशे में थे और वन अमले को धमकाते हुए बोला कि मैं तुम्हारे खिलाफ कार्रवाई करूंगा। इसके साथ ही उन्होंने हमारे द्वारा जब्त उस अवैध रेत से भरे ट्रेक्टर ट्राली को वहां से जाने दिया। पहले भी हो चुका था हमला इससे पहले भी लगभग 6 माह पूर्व रिठौरा थानार्न्तगत शनिश्चरा क्षेत्र में पत्थर की खदानों से अवैध खनन करने गई वन टीम पर भी माफिया के लोगों ने हमला किया था। हमले के दौरान वन टीम ने उनकी खनन करने वाली बड़ी मशीन जब्त कर ली थी। लेकिन माफिया के लोगों ने लगभग 70 गोलियां चलाई तथा वह मशीन छुड़ा ली थी। अन्त में माफिया के आगे वन विभाग की टीम के पैर उखड़ गए थे तथा टीम ने रिठौरा थाना प्रभारी संजय किरार से मदद मांगी थी लेकिन उन्होंने मदद नहीं की थी। बाद में इस बात भी खुलासा टीम के सदस्यों ने किया था कि पुलिस की मिलीभगत से अवैध खनन का काम चल रहा था। कहते हैं DFO जब हमारे हमले पर माफिया के लोगों ने हमला किया तो थाना प्रभारी टेंटरा जयदीप भदौरिया से फोर्स भेजने को कहा था लेकिन उन्होंने फोर्स भेजने से साफ इंकार कर दिया। बाद में जब हमारे पास खबर आई तो हमने एसपी साहब से बात की, तब उन्होंनें फोर्स भेजा, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी तथा हमला करके माफिया के लोग भाग चुके थे। अगर थाना प्रभारी समय रहते फोर्स भेज देते तो हमारे अमले पर माफिया के लोग हावी नहीं हो पाते। स्वरुप दीक्षित, DFO, मुरैना कहते हैं थाना प्रभारी हम 8 दिसंबर को अवकाश पर थे। ह वन विभाग की गाड़ी का टूंटा कांच वन विभाग की गाड़ी का टूंटा कांच में ग्वालियर में शादी में जाना था। हमारे पास रेंजर का फोन आया था तो हमने कहा कि आज हम अवकाश पर हैं, कल कार्रवाई कर लेते हैं, लेकिन वह लोग नहीं माने और कार्रवाई करने चले गए। हमारे पास थाने में कुल 17 लोगों का स्टाफ है जिसमें दो से तीन लोग अवकाश पर थे तथा एक दो कोर्ट काम में बिजी रहते हैं। स्टॉफ कम था इसलिए हमने इंकार कर दिया था। जयदीप भदौरिया, थाना प्रभारी, टैंटरा
