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मुरैना पुलिस पर कुशवाह समाज भारी सटोरिए का मकान तोड़ने पर कुशवाह समाज के हस्तक्षेप पर बागचीनी थाना प्रभारी हटे , समाज के लोगों को खुश करने के लिए डीएस कुशवाह की ।
मुरैना पुलिस पर कुशवाह समाज भारी पड़ गया है। बागचीनी थाना पुलिस पर हमले के बाद जब पुलिस ने सटोरिये सुखलाल कुशवाह का मकान तोड़ दिया तो समाज के लोगों ने पुलिस की इस कार्रवाई का पुरजोर विरोध किया। एसपी आशुतोष बागरी अपनी कार्रवाई को सही बताते रहे, लेकिन जैसे ही प्रभारी मंत्री भारत सिंह कुशवाह ने इस मामले में हस्तक्षेप किया तो पुलिस को झुकना पड़ा और वह इतना झुक गई कि न केवल बागचीनी थाना प्रभारी को हटाकर लाइन भेज दिया बल्कि समाज के लोगों को खुश करने के लिए डीएस कुशवाह की पोस्टिंग तक कर डाली। बता दें, कि कुशवाह समाज के दवाब के बाद लिए गए इस निर्णय के बाद मुरैना पुलिस बैकफुट पर आ गई है। अफसरों का मनोबल इतना कमजोर हो गया है कि वे अब कोई भी कार्रवाई करने से डर रहे हैं। उन्हें अब इस बात का डर सता रहा है कि आगे चलकर पिटने के बावजूद उन्हें कोई ठोस कार्रवाई नहीं करना है, अगर करते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई तय है। सुखलाल कुशवाह का मकान तोड़ती पुलिस सुखलाल कुशवाह का मकान तोड़ती पुलिस यह था पूरा मामला बागचीनी थाना के अर्न्तगत आने वाले लोंगट गांव में सुखलाल कुशवाह का मकान है। उसके बगल में ही उसके बड़े भाई अशोक कुशवाह का मकान है। सुखलाल कुशवाह सटोरिया है तथा लंबे पैमाने पर ऑनलाइन सट्टा चलाता था। बागचीनी थाना पुलिस को जब इस बात की खबर लगी तो पुलिस ने रात में सटोरिये के घर पर दबिश दी। दबिश के दौरान सटोरिये के घर की महिलाओं व सटोरिये ने पुलिस पर हमला किया जिससे थाना प्रभारी बलवीर सिंह व अन्य तीन के चोटें आईं। इस घटना के बाद थाना प्रभारी ने एसपी आशुतोष बागरी ने पांच थानों की पुलिस को दो जेसीबी के साथ लोंगट थाना भेजा जहां न केवल सुखलाल कुशवाह बल्कि उसके भाई अशोक कुशवाह का मकान तोड़ने की कार्रवाई की गई। इससे पहले सुखलाल कुशवाह व उसके साथियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। पुलिस की इस कार्रवाई का असर उल्टा हो गया तथा इसे बदले की भावना से देखा जाने लगा। पूरा कुशवाह समाज व उसके साथ कुछ अन्य समाज के लोग एकत्रित हो गए और उन्होंने आम सभा करते हुए तथा कलेक्टर को ज्ञापन सौंपते हुए बागचीनी थाना पुलिस पर कार्रवाई पर कार्रवाई की मांग की। इस मौके पर विधायक सहित अन्य लोग साथ थे। प्रशासन द्वारा की गई इस कार्रवाई के बाद कलेक्टर ने भी इस मामले में मौन रहना उचित समझा और वे शांत हो गए
