तनाव से बचने के लिए सदैव खुश रहना सीखें

रायपुर: सदैव खुश रहने के लिए अपना दृष्टिकोण सकारात्मक बनाएं। यह सोचें कि जो हो रहा है वह कल्याणकारी है। तनाव पूरी तरह खत्म करना सम्भव नहीं है लेकिन तनाव प्रबंधन से उसे कम कर उसके दुष्प्रभाव से बचा जा सकता है। यह बातें मंगलवार को प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की ओर से शान्ति सरोवर में आयोजित ‘कर लो स्वास्थ्य मुट्ठी में’ मुम्बई के हेल्थ काउंसिलर डॉ. दिलीप नलगे ने कहीं। डॉ. नलगे ने कहा कि तनाव को खत्म करने का सबसे बढ़िया इलाज राजयोग मेडिटेशन है।तनाव से बचने के लिए हर परिस्थिति में खुश रहना सीखें और मेडिटेशन से अपनी आन्तरिक क्षमता बढ़ाएं। तनाव दो प्रकार के होते हैं- पॉजिटिव और निगेटिव। पॉजिटिव स्ट्रेस जीवन के लिए आवश्यक है। यह हमें मोटिवेट करता है। इससे हमारी रचनात्मक क्षमता बढ़ती है। उमंग-उत्साह और खुशी का संचार होता है। यही कारण है कि बहुत से लोग 18-20 घंटे काम करने के बाद भी थकते नहीं हैं।डॉ. नलगे ने कहा कि नकारात्मक विचार उत्पन्न होने पर हाइपोथैलेमस से स्ट्रेस हार्मोन्स निकलते हैं। इससे लीवर में आपात स्थिति के लिए संचित कर रखे गए ग्लूकोज का क्षय होता है। व्यक्ति थकान और हताशा महसूस करता है। नकारात्मक विचार आने पर लीवर से ग्लूकोज निकल जाने की स्थिति में व्यक्ति गम्भीर बीमारियों का शिकार बन जाता है।