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मुरैना खाद की किल्लत से किसान परेशान
मुरैना में खाद संकट गहरा गया है। जौरा में किसान पिछले चार दिनों से हर दिन सुबह आते हैं और शाम को खाली हाथ वापस लौट जाते हैं। कुछ किसानों को खाद मिल जाता है, बाकी के लौट रहे हैं। हालत यह है कि महिलाएं भी अपने घर का काम-काज छोड़कर खाद के लिए लाइन में लगने को मजबूर हैं। बता दें, कि जिले में एक बार खाद संकट फिर से गहरा गया है। किसान खाद के लिए परेशान हो रहा है। सबसे अधिक संकट जिले के जौरा कस्बे में हैं। वहां पिछले चार दिनों से किसानों को खाद नहीं मिल रहा है। किसान हर दिन सुबह आकर लाइन में लग जाता है और दिन भर लाइन में लगे रहने के बावजूद उसे खाद न मिलने पर शाम को मुंह लटका कर चला जाता है। जौरा कस्बे में लाइन में लगे किसान जौरा कस्बे में लाइन में लगे किसान महिलाएं लगी लाइन में कुछ बच्चे लेकर आईं हालत यह है कि किसानों की महिलाएं अपने घर का काम-काज छोड़कर खाद लेने के लिए दूर-दराज के गांवों से आई हैं। वे सुबह से ही लाइन में भूखी-प्यासी लग जाती हैं, देर शाम तक यूं ही लगी रहती हैं। जब नंबर नहीं आता है और खाद नहीं मिल पाती है तो उदास होकर घर वापस लौट जाती हैं। घर में उनके बच्चे यह सोचकर उनका इंतजार करते रहते हैं कि माता-पिता खाद लेकर लौटेंगे जिससे उन्हें दूसरे दिन नहीं जाना पड़ेगा, लेकिन अगले दिन फिर वही प्रक्रिया दोहराई जाती है। पिछले चार दिन से यही हालात हैं। कुछ महिलाएं जिनके बच्चे छोटे हैं, वे अपने बच्चों को साथ लेकर आती हैं। मां लाइन में लगी होती है और बच्चे भूख से बिलबिलाते रहते हैं। जब भूख बर्दाश्त नहीं होती तो दुकान से बिस्किट का पैैकेट या समौसे लेकर बच्चों को खिला देती हैं। पुरे दिन की यही कहानी है। किसान देवेन्द्र सिंह कुशवाह, ग्राम मुद्रावजा किसान देवेन्द्र सिंह कुशवाह, ग्राम मुद्रावजा सात दिन से लगे लाइन में मुंद्रावजा गांव निवासी देवेन्द्र सिंह कुशवाह ने बताया कि वे पिछले सात दिनों से हर दिन सुबह आकर लाइन में लग जाते हैं और शाम को मायूस होकर लौट जाते हैं, लेकिन आज दिनांक तक उनको खाद नहीं मिल सका है। उहरहेला गांव निवासी कमल सिंह बताते हैं कि वे पिछले चार दिनों से हर रोज यहां आ रहे हैं लेकिन उन्हें खाद नहीं मिल सकी है। हर दिन सुबह जल्दी आना और लाइन लगाकर खड़े रहना उनकी दिनचर्या बन गई है। यही कहानी कुरैरा गांव निवासी अतर सिंह की है। वे भी पिछले चार दिनों से लगातार खाद के लिए आ रहे हैं। सुबह से लाइन में लग जाते हैं और देर शाम तक लगे रहते हैं लेकिन उन्हें खाद नहीं मिल पा रहा है। सांकरे गांव निवासी हरीकंठ की भी यही कहानी है, वे भी पिछले पांच दिन से खाद के लिए परेशान हैं । किसान अतर सिंह, ग्राम कुरैरा किसान अतर सिंह, ग्राम कुरैरा देरी से खाद मिलने पर होगा नुकसान किसानों का कहना है कि अगर समय पर उन्हें खाद नहीं मिला तो उनकी फसल को नुकसान होने का खतरा उत्पन्न हो जाएगा। यह समय खाद के लिए सबसे अहम है। कहते हैं जिम्मेदार जिले में खाद की कोई कमी नहीं है। हमारे पास पर्याप्त खाद है। हमारे पास 7 दिनों का खाद का स्टॉक है। जहां तक जौरा कस्बे में खाद के संकट का मामला है, मुझे उसकी जानकारी नहीं है। मैं इसको दिखवा लेता हूें। अंकित अष्ठाना, कलेक्टर, मुरैना
