ब्रेकिंग
10 रुपये का विवाद... गांव पहुंची बस तो कंडक्टर की हो गई धुनाई, तो कंडक्टर की हो गई धुनाई, तो कंडक्टर... संपत्ति विवाद में सगे भाई ने नवविवाहित छोटे भाई की दांतो से कांटी ऊंगली कटकर हुई अलग बचाने आऐ दूसरे ... मुरैना हॉप इलेक्ट्रॉनिक शोरूम में इलेक्ट्रॉनिक स्कूटी में अचानक हुआ विस्फोट फायरबिग्रेड ने बड़ी मशक्... मुरैना के सबलगढ़ में जमीनी विवाद में चले लाठी-डंडे फायरिंग एक गंभीर घायल गुजरात के खेड़ा जिले में नहाने गए छह भाई-बहन, एक-एक कर के लील गई नदी, गर्मी से राहत की जगह मिली मौत उज्जैन स्लीपर बस पलटी गर्भवती महिला सहित 9 घायल केंद्र सरकार कराऐगी जाति जनगणना PCC चीफ ने कहा, DGP का आदेश खाकी वर्दी का अपमान सांसद-विधायक को सैल्यूट करेगें पुलिस कर्मी, ये लोकतं... सीएम बोले- पाकिस्तानी नागरिकों को एमपी से जल्द बाहर करें: पुलिस अधिकारियों को अभियान चलाने के निर्दे... मंदसौर में तेज़ रफ़्तार कार कुऐ में गिरी 6 लोगों की मौत
पंजाब

सरपंच के चुनाव में छाए 10वीं पास, 52.91% के हाथ में गांव की सरकार

चंडीगढ़: ग्रेजुएट या अधिक पढ़े-लिखों की चुनाव में दिलचस्पी कम, 4.11% सरपंच बनेप्रदेश में गांव की सरकार बनाने में सबसे ज्यादा रूचि 10वीं पास के लोग ही दिखा रहे हैं और वे इसमें सफल भी हुए हैं। प्रदेश के 18 जिलों में अब तक 5,276 सरपंचों पदों के चुनाव के नतीजों में 52.91 फीसदी 10वीं पास सफल हुए हैं। यानी, 2,792 सरपंच बने हैं।नामांकन से स्पष्ट हुआ है कि सियासत में भी दसवीं पास लोग ही ज्यादा दिलचस्पी दिखा रहे हैं, क्योंकि सर्वाधिक 12,253 नामांकन भी इसी शैक्षणिक योग्यता वालों ने किया है। वहीं, इसके उलट ग्रेजुएट या इससे बड़ी डिग्री हासिल करने वालों में से महज 4.11 प्रतिशत ही चुनाव जीतने में सफल हो पाए हैं। हालांकि, इस योग्यता के लोगों ने चुनाव में दिलचस्पी भी कम ही दिखाई।एससी के 25.66% तो बीसीसे 12.90 प्रतिशत बने सरपंचसरपंचों के चुनाव में बात यदि आरक्षण की करें तो एससी कैटेगिरी के 25.66 प्रतिशत प्रतिनिधि सरपंच बनने में सफल हुए हैं। बीसी और ओबीसी से 12.90 प्रतिशत गांव के मुखिया बने हैं। वहीं, सामान्य वर्ग के 61.42 प्रतिशत लोगों ने सरपंच पद पर जीतने में सफलता हासिल की है।ग्रेजुएट या इससे अधिक पढ़े-लिखे 888 लोगों ने ही नामांकन पत्र भरे थे। इसी तरह, प्रदेश में इस बार सरपंचों की औसत आयु 2016 में हुए चुनाव में जीतने वाले प्रत्याशियों की औसत उम्र से ज्यादा हो गई है। पहले प्रदेश में सरपंचों की औसत आयु 36.1 थी, परंतु इस बार 18 जिलों में चुने गए सरपंचों की औसत उम्र 37 वर्ष हो गई है।

Related Articles

Back to top button