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रौन जहाॅ भगवान की भक्ति होती है वहीं तीरथ धाम होता है:- महामण्डलेश्वर रामेश्वर दास
रौन -श्री श्री 1008 परमहंस श्री परशुराम महाराज की तपोभूमि ग्राम मेहदवा में आयोजित श्री मद भागवत कथा के दौरान महामण्डलेश्वर श्री श्री 1008 श्री रामेश्वरीदास महाराज ने कथा का रसपान कराते हुए कहा कि जहां भगवान की भक्ति होती है वहीं तीरथ धाम होता है। संतसंगत से भक्ति का जन्म होता है। गोस्वामी तुलसीदास जी ने रामचरितमानस में कहा कि = मुद मंगलमय संत समाजू। जो जग जगम तीरथ राजू।। राम भक्त मणिपुर बस जाके।दुख लवलेश न सपनेहुं ताके ।।आगे महाराज जी ने कहा कि कलियुग में केवल राम का नाम ही सत्य है। राम नाम के उच्चारण मात्र से मनुष्य भव सागर पार हो जाता है हम सभी को राम नाम का जप जरुर करना चाहिए। क्योंकि रामचरितमानस में लिखा है कि -कलियुग केवल नाम अधारा। सुमिर सुमिर नर उतरहिं पारा ।। बाल्मीकि जी राम जी का उल्टा नाम लेकर ब्रम्ह के समान हो गये। कहा भी गया है कि उल्टा नाम जपत जग जाना। बाल्मीकि में ब्रम्ह समाना।। महाराज जी के मुखारबिंदु से कपिल अवतार, प्रहलाद चरित्र,ध्रुव चरित्र आदि कथाये बड़े ही सुन्दर ढंग से वर्णित की गईं।भागवत कथा श्रवण कर समस्त श्रोतागण भावविभोर हो गये। कथा का आयोजन राजावत परिवार मेहदवा के द्वारा आयोजित किया जा रहा है। इस अवसर पर कथा पारीक्षत श्रीमती शांति देवी स्व.जबरसिंह राजावत उर्फ भूता बाबा को बनाया गया है।शाम के समय भजन कीर्तन का आयोजन किया जाता है। तथा संत भंडारा कार्यक्रम शाम के आयोजित किया जाता है।17नवम्बर को विराट आध्यात्मिक कवि सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। पत्रकार सतेन्द्र सिंह चौहान की खबर:-
