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गुजरात में एक दिन का राजकीय शोक प्रधानमंत्री मोदी आज जाऐगे मोरबी मृतकों को देगे श्रृद्धांजलि
गुजरात के मोरबी पुल हादसे पर पीएम नरेंद्र मोदी ने सोमवार शाम गांधीनगर में हाईलेवल मीटिंग बुलाई। पीएम ने कहा कि पीड़ितों को हर संभव मदद दी जाए। बैठक में हादसे पर शोक व्यक्त करने के लिए 2 नवंबर को गुजरात में राजकीय शोक मनाने का निर्णय लिया गया। इस दिन राज्य में सरकारी भवनों पर राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा। बैठक में मुख्यमंत्री भूपेंद्र भाई पटेल, राज्य के गृह मंत्री हर्ष सांघवी और चीफ सेक्रेटरी, डीजीपी समेत तमाम सीनियर ऑफिसर्स मौजूद रहे। PM मोदी आज दोपहर बाद मोरबी जाएंगे। PM मोदी ने सोमवार शाम अहमदाबाद में हाई लेवल मीटिंग की। इसमें तय किया गया कि मोरबी हादसे पर शोक व्यक्त करने के लिए 2 नवंबर को गुजरात में राजकीय शोक मनाया जाएगा। राजकीय शोक मनाया जाएगा। इस बीच, पुलिस ने हादसे के आरोपियों पर कार्रवाई शुरू कर दी है। सोमवार को पुल का रखरखाव करने वाली ओरेवा कंपनी के 2 मैनेजर, ब्रिज की रिपेयरिंग करने वाले दो कॉन्ट्रैक्टर, दो टिकट क्लर्क और तीन सिक्योरिटी गार्ड्स को गिरफ्तार कर लिया गया। इस हादसे के बाद अहमदाबाद के अटल ब्रिज के लिए भी अलर्ट जारी किया गया है। यहां 1 घंटे में 3000 लोग ही जा सकेंगे। यह अलर्ट अहमदाबाद नगर निगम ने जारी किया है। जम्मू के शिक्षा निकेतन स्कूल के स्टूडेंट्स ने मोरबी हादसे के पीड़ितों को श्रद्धांजलि दी। पुल हादसे में जुटी 50 लोगों की टीम राजकोट रेंज के आईजी अशोक कुमार ने सोमवार शाम को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि 50 लोगों की टीम पुल हादसे की जांच में जुटी है। पत्रकारों ने उनसे सवाल किया कि इसके लिए जिम्मेदार बड़े लोगों को कब गिरफ्तार किया जाएगा। इस सवाल पर आईजी ने कहा- अभी तक जिनकी भूमिका सामने आई, उन्हें गिरफ्तार किया गया। जैसे-जैसे नाम सामने आते जाएंगे और गिरफ्तारियां होती जाएंगी। हादसा रविवार शाम 6.30 बजे तब हुआ, जब 765 फीट लंबा और महज 4.5 फीट चौड़ा केबल सस्पेंशन ब्रिज टूट गया। 143 साल पुराना पुल ब्रिटिश शासन काल में बनाया गया था। यह पुल पिछले 6 महीने से बंद था। कुछ दिन पहले ही इसकी मरम्मत की गई थी। हादसे से 5 दिन पहले 25 अक्टूबर को यह ब्रिज आम लोगों के लिए खोला गया। रविवार को यहां भीड़ क्षमता से ज्यादा हो गई। हादसे की भी यही वजह बताई जा रही है। हादसे का 30 सेकेंड का वीडियो भी सामने आया है। इसमें 15 सेकेंड के बाद पुल टूट गया और लोग मच्छू नदी में समा गए
